झारखंड: राष्ट्रपति से सम्मानित महिला नहीं जीत सकीं पंचायत चुनाव, हारे कई दिग्गज

Jharkhand Panchayat Chunav Results: झारखंड़ में हुए पंचायत चुनाव में इस बार दिग्गजों का सिक्का नहीं चल पाया. चुनावों में राष्ट्रपति से नारी शक्ति सम्मान से नवाजी गई चामी मुर्मू और विधायक दशरथ गगराई की पत्नी को भी हार का मुंह देखना पड़ा.

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MLA दशरथ गागराई की पत्नी बसंती चुनाव हारीं. (फाइल फोटो) MLA दशरथ गागराई की पत्नी बसंती चुनाव हारीं. (फाइल फोटो)

सत्यजीत कुमार

  • सरायकेला,
  • 02 जून 2022,
  • अपडेटेड 9:35 AM IST
  • राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त 2 महिलाओं की हार
  • विधायक की पत्नी को भी मिल चुका राष्ट्रपति पुरस्कार

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सरायकेला जिले के बहुत चर्चित चेहरे चुनावी मैदान में जंग हार चुके हैं. इनमें से दो प्रमुख नाम राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित महिलाओं के भी हैं. नारी सम्मान से पुरस्कृत चामी मुर्मू और बसंती गागराई भी अपने-अपने प्रतिद्वंदी से हार गईं.  बता दें कि खरसावां से जिला परिषद प्रत्याशी बंसती विधायक दशरथ गागराई की पत्नी हैं. 

जिला परिषद प्रत्याशी बसंती गागराई को निकटतम प्रतिद्वंदी सावित्री बानारा ने कड़ी टक्कर देते हुए चुनाव में जीत हासिल की है. सावित्री बानरा ने बसंती गागराई को 3214 मतों के अंतर से हरा दिया है. आशंका जताई जा रही है कि चुनाव प्रचार के अंतिम दिन खरसावां विधायक और भाजपा के मंडल अध्यक्ष के बीच देर रात में मारपीट के बाद से चुनावी समीकरण बदल गए और विधायक पत्नी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. 

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चामी मुर्मू की भी हार 

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतगणना के नतीजों में जिला परिषद उम्मीदवार चामी मुर्मू को भी हार का मुंह देखना पड़ा. बता दें कि राजनगर प्रखंड के भाग संख्या-15 से प्रत्याशी चामी देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से नारी शक्ति पुरस्कार प्राप्त हैं. इनकी सीधी टक्कर मालती देवगम से थी, जिन्होंने चामी मुर्मू को तकरीबन 6 हजार मतों से करारी शिकस्त दी. 

राष्ट्रपति से नारी शक्ति पुरस्कार प्राप्त चामी मुर्मू भी हारीं. (फाइल फोटो)

हार के बाद चामी मुर्मू ने बताया कि निकटतम प्रतिद्वंदी ने चुनाव में धनबल का जमकर प्रयोग किया गया, नतीजतन उनकी हार हुई. गौरतलब है कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्य करने वाली राष्ट्रपति पुरस्कार सम्मानित चामी मुर्मू पूरे सरायकेला जिले में 2800 महिला समिति का संचालन करती हैं, जो स्वयं सहायता समूह बनाकर अपना जीविकोपार्जन किया करते हैं.

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