पहलगाम आतंकी हमला मामले में आज NIA चार्जशीट दाखिल करेगी. एनआईए आज जम्मू की विशेष एनआईए कोर्ट में चार्जशीट पेश करेगी. यह हमला 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरन वैली में हुआ था. इस हमले में लोगों को धर्म पूछ कर मारा गया था. इस निर्मम हमले में 25 पर्यटक और एक पोनी चालक की मौत हो गई थी. चार्जशीट में तीन स्थानीय आरोपियों के नाम शामिल होंगे.
जांच के बाद एनआईए द्वारा दाखिल की जा रही चार्जशीट में पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ-साथ उसके स्थानीय सहयोगी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) की भूमिका भी सामने आई है.
चार्जशीट में स्थानीय सहयोगियों बशीर अहमद जोठर, परवेज अहमद जोठर और मोहम्मद यूसुफ कटारी के नाम शामिल किए जाएंगे. इन तीनों स्थानीय आरोपियों ने तीन पाकिस्तानी आतंकियों की मदद की थी.
आतंकियों को ऐसे मिली थी मदद...
एनआईए की जांच में सामने आया कि बशीर और परवेज जोठर, दोनों स्थानीय निवासी हैं. इन दोनों ने आतंकियों को 21 अप्रैल की रात हिल पार्क इलाके के एक ढोक (झोपड़ी) में ठहराया था. इन दोनों भाइयों को हमले के करीब दो महीने बाद 22 जून को गिरफ्तार किया गया था. एनआईए सूत्रों के मुताबिक, जोठर भाइयों के फोन से कुछ पाकिस्तानी नंबर मिले हैं, जो इस पूरे नेटवर्क की कड़ी को जोड़ने में अहम साबित हुए.
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जांच और तलाशी अभियान...
हमले के अगले ही दिन से सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया था. तीनों पाकिस्तानी आतंकी सुलैमान शाह, हमजा अफगानी उर्फ अफगान और जिबरान 28 जुलाई को डाचीगाम के जंगलों में मारे गए. इस मामले की जांच के लिए 1000 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा चुकी है, जिनमें पर्यटक, पोनीवाले, फोटोग्राफर और दुकानदार शामिल हैं. जब्त किए गए मोबाइल और अन्य बरामदगी की फॉरेंसिक जांच गांधीनगर स्थित नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी में कराई गई.
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ऑपरेशन सिंदूर और आगे की कार्यवाही
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर नाम से बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया था. इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर तड़के हवाई हमले किए, जिसमें करीब 100 आतंकियों के मारे जाने की जानकारी सामने आई थी. चार्जशीट आतंकियों, उनके स्थानीय मददगारों और लश्कर-ए-तैयबा के नेटवर्क का पूरा खुलासा कर सकती है. एनआईए ने सितंबर में जम्मू की अदालत से जांच पूरी करने के लिए 45 दिन का अतिरिक्त समय मांगा था.
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अरविंद ओझा