तिरंगे पर महबूबा के बयान से मची पार्टी में भगदड़, 5 नवंबर को जम्मू का करेंगी दौरा

नजरबंदी से बाहर आने के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं. तिरंगे को लेकर उन्होंने जो बयान दिया, उसके बाद पार्टी नेता ही साथ छोड़ने लगे हैं.

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जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती

सुनील जी भट्ट

  • जम्मू,
  • 27 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST
  • महबूबा मुफ्ती के बयान पर जारी है विवाद
  • 5 नवंबर को महबूबा करेंगी जम्मू का दौरा

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा तिरंगे को लेकर दिए गए बयान पर बवाल जारी है. महबूबा के बयान से खफा होकर पार्टी के तीन नेताओं ने इस्तीफा दे दिया. पार्टी में मची इस हलचल के बीच अब महबूबा मुफ्ती पांच नवंबर को जम्मू का दौरा करेंगी.

महबूबा मुफ्ती यहां जम्मू में पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगी और रणनीति पर मंथन करेंगी. नजरबंदी से बाहर आने और गुपकार गठबंधन के बाद महबूबा मुफ्ती का ये पहला जम्मू दौरा होगा.

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आपको बता दें कि बीते दिन जम्मू के ही पीडीपी नेता वेद महाजन, हुसैन अली वफा और टीएस बाजवा ने पार्टी को अलविदा कह दिया था. जम्मू पीडीपी के नेता महबूबा मुफ्ती के तिरंगे वाले बयान को लेकर खफा चल रहे हैं. वेद महाजन का कहना है कि आने वाले दिनों में जम्मू रीजन से और भी नेता इस्तीफा देंगे. 

दरअसल, महबूबा मुफ्ती ने तिरंगे को ना उठाने की बात कही थी. महबूबा ने अपने बयान में कहा था कि हम अनुच्छेद 370 वापस लेकर रहेंगे. जब तक ऐसा नहीं हो जाता, मैं कोई भी चुनाव नहीं लड़ूंगी. जिस वक्त हमारा ये झंडा (कश्मीर का झंडा) वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे. मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे.

महबूबा के इस बयान के बाद ही काफी राजनीतिक तकरार बढ़ी है. बीजेपी की ओर से जम्मू और कश्मीर के कुछ क्षेत्रों में तिरंगा रैलियां निकाली गई थीं तो वहीं कई पीडीपी के जम्मू स्थित कार्यालयों पर तिरंगा फहराया गया. गुपकार गठबंधन में पीडीपी की साथी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी महबूबा मुफ्ती के तिरंगे वाले बयान से किनारा कर लिया था. 

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