LoC पार भेजे गए सामान पर टैक्स छूट की मांग खारिज, अदालत बोली - PoK भारत का हिस्सा, यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार नहीं

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि पीओके भारत का हिस्सा है, इसलिए J&K से वहां का क्रॉस-एलओसी व्यापार अंतरराष्ट्रीय नहीं, बल्कि राज्य-आंतरिक है. 2017-19 में व्यापारियों ने जीएसटी न चुकाया, नोटिस मिलने पर कोर्ट गए. कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज कर दिया.

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पीओके को भारत का हिस्सा बताकर कोर्ट ने जीएसटी नोटिसों के खिलाफ व्यापारियों की याचिका खारिज की (File Photo: ITG) पीओके को भारत का हिस्सा बताकर कोर्ट ने जीएसटी नोटिसों के खिलाफ व्यापारियों की याचिका खारिज की (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:07 AM IST

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की हाईकोर्ट ने कुछ व्यापारियों के एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके हमारा हिस्सा है. इसलिए इसे अंतरराष्ट्रीय कारोबार नहीं माना जाएगा. 

दरअसल, 2017-2019 के दरमियां जम्मू-कश्मीर से PoK सामान भेज जाते थे. लेकिन, उस पर कोई टैक्स नहीं लग रहा था. हाल में ही टैक्स अधिकारियों ने व्यापारियों को नोटिस भेजा और कहा कि आपको जीएसटी टैक्स देना होगा.

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इस नोटिस के ख़िलाफ़ व्यापारियों का समूह हाईकोर्ट पहुंचे. उनका कहना था कि हम तो इस्लामाबाद–उड़ी और रावलाकोट (पीओके) से चक्कन-दा-बाग़ (पुंछ) के बीच व्यापार बार्टर ट्रेड (वस्तु के बदले वस्तु) कर रहे थे, पैसों का लेन-देन नहीं था. यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार है, इसलिए हमें GST (जीएसटी टैक्स) नहीं देना चाहिए. 

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने क्रॉस-एलओसी ट्रेड को 'ज़ीरो रेटेड सेल' माना था, जिस पर कोई सेल्स टैक्स नहीं लगता. इसलिए उन्होंने इस व्यापार पर किसी प्रकार का सेल्स टैक्स नहीं लगाया.

हाईकोर्ट ने क्या फैसला दिया?

हाईकोर्ट ने कहा कि PoK (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) कानूनी रूप से जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है. इसलिए यह व्यापार अंतरराष्ट्रीय नहीं, बल्कि राज्य के अंदर का व्यापार है. इसलिए आपको GST देना होगा. 

यह भी पढ़ें: भारत के फैसले से PAK परेशान, "भारत के फैसले से PAK परेशान, LoC पर चाहता है राहत

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कोर्ट ने ये भी कहा कि जो व्यापारी GST एक्ट के तहत वैधानिक उपाय का इस्तेमाल कर सकते हैं, उन्हें कोर्ट के पास आने की जरूरत नहीं. इसलिए उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गईं.

हाईकोर्ट के इस फैसले ने स्पष्ट कर दिया है कि PoK में भेजे गए समान पर जीएसटी लगेगा. क्योंकि यह व्यापार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं, बल्कि राज्य के स्तर पर हो रहा है. 

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