हरियाणा के पानीपत की चार मासूम जिंदगियों को बेरहमी से खत्म करने वाली साइको किलर पूनम अब उसी गांव की जेल में बंद है, जहां वह खुद पली-बढ़ी थी. चार हत्याओं के कबूलनामे के बाद पूनम आज सलाखों के पीछे है. जेल के अंदर उसकी दुनिया बिल्कुल बदल चुकी है. ठंडी रातें, नींद उड़ चुकी है, न के बराबर खाना, और बैरक में लगातार बेचैन आंखें… यह वह पूनम है, जो एक वक्त बच्चों की हत्या के बाद जश्न मनाती थी.
पानीपत महिला जेल के सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तारी के बाद पूनम ने दो रातों से ठीक से नींद नहीं ली. साइको किलर पूनम पिछले दो दिनों से जेल में ठीक से सो नहीं पा रही. जेल सूत्रों के अनुसार, पूनम रात में कभी बैठ जाती है तो कभी लेट जाती है. जेल में ज्यादा कुछ खा नहीं रही है. पूनम जेल की बैरक में बेचैन सी दिखाई दे रही है. वह किसी से बातचीत नहीं कर रही.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पूनम को अपने किए पर अफसोस है. वहीं पूनम को जानने वालों का कहना है कि अब पछताने का क्या फायदा है. चार बच्चों को मारते वक्त एक बार भी क्यों नहीं सोचा. पुलिस का कहना है कि पूछताछ के दौरान पूनम ने कहा था कि वारदात के दौरान वह होशो हवास खो बैठती थी. पूनम पानीपत के सिवाह गांव की रहने वाली है. पूनम गांव में ही बनी जेल में बंद है.
कातिल क्यों बनी पूनम? खूबसूरत बच्चों से जलन
पानीपत पुलिस की जांच और पूनम के कबूलनामे में जो सामने आया, उसने सबको हिलाकर रख दिया. साइको पूनम की सोच थी कि परिवार में मुझसे ज्यादा सुंदर कोई नहीं होना चाहिए. खूबसूरत बच्चियों को देखकर उसके अंदर जलन पैदा होती थी. शुरू होती थी ईर्ष्या… फिर गुस्सा… और धीरे-धीरे हत्या का प्लान.
पुलिस का कहना है कि बच्चों को देखकर वह परेशान हो जाती थी. दिमाग पर जैसे कोई पर्दा पड़ जाता था. होश खो बैठती थी. हत्या के बाद जश्न मनाती थी.
हाई क्वालिफाइड, लेकिन दिमाग में अंधेरा
पूनम पढ़ी-लिखी थी, एमए (पॉलिटिकल साइंस), उसने गोहाना में B.Ed भी किया. साल 2019 में नवीन से शादी हुई. साल 2021 में बेटा शुभम हुआ. कागजों पर यह पढ़ी-लिखी, सामान्य परिवार की लड़की थी... लेकिन दिमाग में अंधेरा था... वह सीरियल किलर बन चुकी थी, जिस पर परिवार, रिश्तेदार, पड़ोसी… किसी को शक तक नहीं हुआ.
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चार हत्याओं की पूरी कहानी
13 जनवरी 2023: पहली दो हत्याएं- 11 साल की इशिका और पूनम का खुद का बेटा तीन साल का शुभम.
पहली घटना सोनीपत के गांव भावड़ की है. ननद पिंकी की बेटी इशिका घर आई हुई थी. इशिका सुंदर थी… बस यही बात पूनम के मन में कहीं चुभ गई. पूनम ने मौका देखकर इशिका को घर के पीछे बने पानी के हौद में धकेला. उसकी गर्दन पकड़कर पानी में डुबो दिया. लेकिन पूनम जानती थी कि इस पर शक होगा. इसलिए उसने अपना 3 साल का बेटा शुभम भी मार डाला, ताकि लगे कि दोनों एक-दूसरे को बचाने में डूबे. परिवार ने इसे हादसा मान लिया.
18 अगस्त 2025: तीसरी हत्या- जिया (10 साल), भतीजी
पूनम अपने मायके गांव सिवाह में आई हुई थी. रात को भतीजी जिया अपनी चाची के साथ सोना चाहती थी. पूनम ने खुद उसे सिखाया था कि बेटा ये बोलना कि बुआ के साथ सोऊंगी. रात 2 बजे पूनम उठी. सोती हुई बच्ची को उठाया. पशु बाड़े में ले गई. वहीं पानी के हौद में गर्दन दबाकर डुबो दिया.
जिया के ताऊ को शक हुआ. लेकिन पूनम की मां ने कहा कि गांव में नाम खराब करोगे? गलत आरोप लगाओगे तो कार्रवाई करवाऊंगी. और मामला फिर हादसा मानकर दब गया.
1 दिसंबर 2025: चौथी हत्या- विधि (6 साल), जेठानी की बेटी
यह हत्या सबसे क्रूर और सबसे खौफनाक थी. पानीपत के नौल्था गांव में शादी का दिन था. सुंदर बच्ची विधि छह साल की थी. बारात रवाना होने के बाद घर खाली था. सीढ़ियों पर जाते समय विधि को पूनम ने देखा और पीछा किया. छत पर बने स्टोर रूम के बाहर टब में पानी भरा हुआ था. उसी में विधि को डुबो दिया. कपड़े गीले हो गए, नीचे उतरी तो महिलाओं ने सवाल किया. इस पर उसने महिलाओं को अलग-अलग बातें कहीं, जिससे शक पैदा हुआ.
कैसे पकड़ी गई साइको किलर?
नौल्था गांव की बच्ची विधि की मौत पुलिस को हादसा नहीं लगी. टब छोटा था, खुद से डूबना मुश्किल था. बाथरूम का दरवाजा बाहर से बंद था. CCTV फुटेज में बार-बार केवल पूनम का आना-जाना दिखा. पुलिस ने पूछताछ में सख्ती दिखाई तो कुछ ही घंटों में पूनम टूट गई और चारों हत्याओं का खुलासा हो गया.
हत्या के बाद जश्न मनाती थी पूनम
पुलिस सूत्रों का दावा है कि पूनम हत्या के बाद खुश होती थी. अजीब-सी मुस्कान आती थी. बच्चों की लाशें देखकर भी वह शांत रहती थी. पूनम ने अपनी जेठानी की बेटी विधि को मार डाला, लेकिन जेल में बंद पूनम का दो साल का बेटा उसकी जेठानी ही संभाल रही है. वह ही उसे दूध पिला रही है, क्योंकि बच्चा छोटा है. एक तरफ बेटी का कातिल… दूसरी तरफ कातिल की संतान को बचाने की मानवता.
ससुराल वाले सदमे में- 'हमें कभी शक नहीं हुआ'
गोहाना के भावड़ गांव में पूनम के ससुराल वाले स्तब्ध हैं. देवर ने कहा कि हमें कभी शक नहीं हुआ. जिया और शुभम की मौत को हादसा मान लिया था. आज पता चला कि हत्यारी हमारी ही घर की बहू थी. ग्रामीण आज भी विश्वास नहीं कर पा रहे कि एक पढ़ी-लिखी महिला बच्चों की सीरियल किलर बन सकती है.
अब पूनम जेल में है. लेकिन पहली बार उसके चेहरे पर डर, पछतावा और बेचैनी दिख रही है. जेल में उसकी दुनिया बेहद छोटी और भारी हो चुकी है. कंक्रीट की दीवारें, सलाखें और भीतर बढ़ता अपराधबोध. लेकिन चार बच्चों की कीमत पर आने वाला पछतावा अब किसी के काम का नहीं. साइको किलर पूनम की कहानी जितनी खौफनाक है, उतनी ही दुखद. एक मां, एक बहू, एक बहन… सब रिश्तों को तोड़कर वह एक सीरियल किलर बन गई.
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