10 फार्महाउस और 5 इमारतें जमींदोज... फरीदाबाद के अरावली में अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर

फरीदाबाद की अरावली पहाड़ियों में लंबे समय से जारी अवैध निर्माण पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत फरीदाबाद नगर निगम और वन विभाग की संयुक्त टीम ने करीब 10 फार्महाउस और 5 अन्य इमारतों को ध्वस्त कर दिया. इस कार्रवाई में करीब 10 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया.

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अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर. (Representational image) अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर. (Representational image)

aajtak.in

  • फरीदाबाद,
  • 13 जून 2025,
  • अपडेटेड 12:57 PM IST

हरियाणा के फरीदाबाद में अरावली की पहाड़ियों में लंबे समय से चल रहे अवैध निर्माण पर प्रशासन ने एक बार फिर सख्ती दिखाई है. फरीदाबाद नगर निगम और वन विभाग की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 10 अवैध फार्महाउस और 5 अन्य इमारतों को ध्वस्त कर दिया. ये सभी निर्माण करोड़ों रुपये की लागत से आनंद वन से अरावली तक की सड़क के आसपास बने हुए थे. प्रशासन ने इस दौरान करीब 10 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया.

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एजेंसी के अनुसार, फरीदाबाद के डीसी विक्रम यादव ने बताया कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत की जा रही है. सर्वोच्च न्यायालय ने अरावली में फैले अवैध निर्माणों को हटाने का आदेश दिया है और जुलाई 2025 तक एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है. इसके लिए वन विभाग और नगर निगम की टीमें नियमित रूप से कार्यवाही कर रही हैं.

अधिकारियों के मुताबिक, अरावली वन क्षेत्र में 6,793 छोटे-बड़े अवैध निर्माण चिह्नित किए गए. ये सभी निर्माण ड्रोन सर्वे के जरिए पहचाने गए हैं. इनमें फार्महाउस, पक्के मकान और अन्य निर्माण शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी को तीन महीने के भीतर हटाने का समय दिया है.

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वन विभाग और नगर निगम की टीम चार बुलडोजर लेकर मौके पर पहुंची. इस अभियान के लिए 200 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, ताकि किसी प्रकार के विरोध या विवाद से निपटा जा सके. यह कार्रवाई शाम करीब 5 बजे तक चली. 

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अवैध निर्माणों को हटाने का यह अभियान आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा. विशेष रूप से अनंगपुर, लक्कड़पुर, अंकहीर और मेवला महाराजपुर गांवों के आसपास के क्षेत्रों में तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण और वन क्षेत्र की रक्षा के लिए यह जरूरी कदम है.

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