गुजरात के अहमदाबाद के प्रहलादनगर में मशहूर Martino’z Pizza ने अपनी नई ब्रांच की शुरुआत की थी और पहले ही दिन ग्राहकों को लुभाने के लिए बड़ा एलान कर दिया. सिर्फ दो घंटे में मुफ्त 1500 पिज़्ज़ा बांटे जाएंगे. इस घोषणा ने पूरे इलाके का माहौल बदल दिया.
सुबह होते ही आउटलेट पहुंच गए लोग
सुबह होते-होते ही सैकड़ों लोग अपने परिवार और दोस्तों संग आउटलेट पहुंचने लगे. देखते ही देखते यह भीड़ हजारों में बदल गई. आउटलेट के बाहर हंसी-ठिठोली, बच्चों का शोर और हाथों में गरमा-गरम पिज़्ज़ा का मजा वाला नजारा सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ. लेकिन जितना रोमांचक यह मौका था, उतनी ही जल्दी यह परेशानी में बदल गया.
नो पार्किंग में लगाई गाड़ी, भरना पड़ा जुर्माना
भीड़ इतनी अधिक थी कि लोगों ने वाहन कहीं भी खड़े कर दिए. नो पार्किंग ज़ोन, फुटपाथ और सड़क तक. ट्रैफिक पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और कई वाहनों को टो कर भारी जुर्माना वसूला गया. वहीं, एक घंटे में 1500 पिज़्ज़ा बांटे जाने के बाद बाहर सड़क पर फैले खाली बॉक्स, पेपर प्लेट और गिलासों ने इलाके को कचरे के ढेर में बदल दिया.
पहले ही दिन सील हुआ आउटलेट
नगर निगम का सॉलिड वेस्ट विभाग तुरंत हरकत में आया. अधिकारियों ने मौके पर जाकर पाया कि पूरे इलाके की सफाई व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो चुकी है और आउटलेट ने गंदगी साफ कराने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की थी. नतीजा यह हुआ कि Martino’z Pizza की नई ब्रांच को पहले ही दिन सील कर दिया गया.
जुर्माना भरकर फिर आउटलेट खुलवाया
स्थानीय लोगों के लिए यह नज़ारा चौंकाने वाला था. जहां लोग मुफ्त पिज़्ज़ा के लिए खुश होकर आए थे, वहीं कुछ ही घंटों में उन्हें ट्रैफिक चालान और गंदगी की बदबू का सामना करना पड़ा. बाद में, आउटलेट ने जुर्माना भरकर अपनी दुकान को फिर से खुलवाया, लेकिन पहले दिन की यह हड़बड़ी और गड़बड़ी उनके लिए सबक बन गई.
Martino’z Pizza की यह कहानी बताती है कि भीड़ खींचने का जश्न अगर योजना के बिना किया जाए तो वही जश्न भारी मुसीबत में बदल सकता है. मुफ्त पिज़्ज़ा का स्वाद तो लोगों ने चखा, लेकिन उसके बाद की कड़वाहट लंबे समय तक याद रहेगी.
अतुल तिवारी