क्या कोविड वैक्सीन है हार्ट अटैक की वजह? डॉक्टर्स ने बताई बढ़ते मामलों की सच्चाई

देश के लोगों में डायबिटीज और हाइपरटेंशन बढ़ा है. कोविड के पहले 8 से 11 प्रतिशत लोगों की मौत हार्ट अटैक से होती थी, जो अब 12 प्रतिशत पर पहुंची है. ग्लोबल ट्रेंड है, जनसंख्या बढ़ी है, लाइफ स्टाइल बदली है, ऐसे ही हार्ट की स्थिति भी बदली है. लोग अब पहले जितना श्रम नहीं कर पाते हैं.

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सांकेतिक तस्वीर. सांकेतिक तस्वीर.

अतुल तिवारी

  • अहमदाबाद ,
  • 04 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:32 PM IST

गुजरात में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने डॉक्टरों की एक विशेष टीम का गठन किया था. अहमदाबाद में यू. एन. मेहता हॉस्पिटल के डायरेक्टर चिराग दोषी को इसका प्रमुख बनाया गया थाय टीम में चार डॉक्टर थे. इन्हें बीते पांच साल के हार्ट अटैक के मामलों की रिसर्च और डाटा एनालिसिस करने का आदेश दिया गया था. अब डॉक्टरों की पैनल ने हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के बारे में जानकारी दी है.

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चिराग दोषी ने कहा, पिछले पांच साल के मुकाबले अब तक हार्ट अटैक के केसों में कोई चिंताजनक बढ़ोतरी नहीं देखी गई है. ग्लोबल ट्रेंड है, जनसंख्या बढ़ी है, लाइफ स्टाइल बदली है, ऐसे ही हार्ट की स्थिति भी बदली है. पिछले दस साल में यू. एन. महेता हॉस्पिटल ने हार्ट अटैक को लेकर पांच पेपर पब्लिश किए हैं. 

चिराग ने आगे कहा, देश के लोगों में डायबिटीज और हाइपरटेंशन बढ़ा है. शहर के बड़े हॉस्पिटलों को साथ लेकर हार्ट अटैक के बढ़ते केसों की वजह जानने का प्रयास किया गया है. कोविड के पहले 8 से 11 प्रतिशत लोगों की मौत हार्ट अटैक से होती थी, जो अब 12 प्रतिशत पर पहुंची है. आंकड़ों के लिहाज से ये कोई बड़ा बदलाव नहीं है.

हार्ट अटैक के मामलों में वैक्सीन नहीं है वजह

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डॉक्टर दोषी ने कहा, नवरात्रि में गरबा मैदान से हॉस्पिटल में किसी को हार्ट अटैक की वजह से लाना पड़ा हो, ऐसा नहीं देखा गया. कुछ लोग जिम में, गरबा खेलते समय, स्पोर्ट्स खेलते समय हार्ट अटैक का शिकार हुए. इसकी वजह ये है कि लोग अब पहले जितना श्रम नहीं कर पाते हैं.

एक सर्वे के मुताबिक, 40 प्रतिशत लोग एक्टिव नहीं हैं. ये अचानक जब श्रम करते हैं तो समस्या खड़ी हो रही है. हार्ट अटैक से हो रही मौतों के मामलों में आईसीएमआर द्वारा 100 जितनी ऑटोप्सी हुई है. गुजरात में कोई ऑटोप्सी नहीं की गई. हालांकि, हार्ट अटैक के पीछे कोविड वैक्सीन कितनी जिम्मेदार है, इसका जवाब देते हुए डॉक्टर दोषी ने कहा, वैक्सीन को लेकर गलत भ्रम फैलाया जाता रहा है. वैक्सीन की वजह से हार्ट अटैक नहीं आ रहे. 

हार्ट अटैक के लक्षण जानिए

डॉक्टर दोषी ने कहा, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक दो अलग बातें हैं. कोविड वैक्सिन का हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट से कोई लेना-देना नहीं है. युवाओं की सडन डेथ में अनेक वजह जिम्मेदार हैं. इसमें कार्डियक एरिथमिया, महाधमनी विच्छेदन, दिमाग पर अटैक, श्वासनली में गांठ जैसी वजह हैं. 

अच्छी जीवन शैली, खानपान, कसरत और चिंतामुक्त जीवन ही एकमात्र विकल्प है. चक्कर आना, सांस लेने में समस्या, चेस्ट पेन, पसीना आना, उल्टी होना, शरीर के बाईं तरफ दर्द होना जैसी स्थितियों को गंभीरता से लेने की जरूरत है. ऐसे में डॉक्टर्स की सलाह लेने से हार्ट अटैक की संभावनाओं को कम किया जा सकता है. 

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बढ़ते हार्ट अटैक मामलों की वजह

हार्ट अटैक के लिए फैमिली हिस्ट्री, बढ़ती उम्र, जीवनशैली, तनाव, खानपान, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल लेवल, स्मोकिंग, तंबाकू का सेवन, ओबेसिटी, जंक फूड का सेवन जैसे कारण जिम्मेदार हैं. मैरिंगो सिम्स हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर मिलन चग ने कहा, युवाओं में अटैक के केस में वो हार्ट अटैक नहीं होता. सामान्य तौर पर कार्डियक अरेस्ट होता है. 

उन्होंने कहा कि अचानक हार्ट अटैक और हार्ट बंद होने के केस 4 प्रतिशत देखे गए हैं. कोरोना के बाद हार्ट अटैक के केसों में उछाल आया है, ये भ्रामक बात है. वैक्सीन से समस्या हुई, इस बात में दम नहीं है. लोग डरे बगैर सात्विक आहार लें, व्यसन मुक्त रहें, तनावमुक्त हों, रोज आधा घंटे वॉक करें और जंकफूड से दूर रहे.

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