प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के केवड़िया में देश के टॉप मिलिट्री कमांडर्स को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने भारतीय आर्म्ड फोर्स की तारीफ करते हुए कहा कि प्रत्येक भारतीय को हमारे आर्म्ड फोर्स पर बहुत गर्व है. उनका साहस अनूठा है. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना को 'भविष्य की ताकत' के रूप में विकसित करने की जरूरत है. इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देना होगा.
इसके अलावा नेशनल सिक्योरिटी आर्किटेक्चर के सैन्य और नागरिक दोनों हिस्सों में मैनपावर प्लानिंग को निर्धारित करना होगा. देश अगले साल आजादी के 75 साल मनाएगा. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में आर्म्ड फोर्स को शामिल किया जाएगा ताकि देश के युवा प्रेरित हो सकें.
पीएम मोदी ने कॉन्फ्रेंस में पहली बार जूनियर जूनियर कमिश्नड और नॉन कमिश्नड अफसरों के शामिल करने के कदम की भी तारीफ की. देश की रक्षा प्रणाली के सर्वोच्च अफसरों और सैन्य नेतृत्व को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कोरोना महामारी और पूर्वी लद्दाख में चुनौतिपूर्ण स्थिति से निपटने में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा दिखाए गए दृढ़ संकल्पों की भी तारीफ की.
कमांडर्स से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी हथियारों की प्रदर्शनी भी देखी. प्रधानमंत्री मोदी सेना के जवानों से हथियारों की खूबियां और इसका इस्तेमाल किन हालातों में किया जा सकता है कि इसके बारे में भी जानकारी ली.
पीएम मोदी से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य अधिकारियों को संबोधित किया था. रक्षा मंत्री ने सेना की तारीफ की थी और लद्दाख स्टैंडऑफ के समय चीन की सेना का पूरी ताकत से मुकाबला करने के लिए भी सेना के अधिकारियों को सराहा. केवड़िया की कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री ने भविष्य के उभरते सैन्य खतरों को लेकर चर्चा की थी.
केवड़िया में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद पीएम मोदी शाम 6 बजे तक दिल्ली लौट आए. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, नेवी प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और सेना के शीर्ष अधिकारी कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए.
aajtak.in