केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की उस टिप्पणी की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने मिस इंडिया ब्यूटी पेजेंट में हाशिए पर रहने वाले समुदायों के प्रतिनिधित्व की कमी पर सवाल उठाया था. उनके अलावा गिरिराज सिंह और अमित मालवीय ने भी कांग्रेस नेता के बयान की आलोचना की है.
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस नेता का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, अब वह मिस इंडिया प्रतियोगिताओं, फिल्मों, खेलों में आरक्षण चाहते हैं. ये न केवल बाल बुद्धि का मुद्दा है, बल्कि जो लोग उनकी जय-जयकार करते हैं. वो लोग भी उतने ही जिम्मेदार हैं.
उन्होंने आगे लिखा कि बाल बुद्धि मनोरंजन के लिए अच्छी हो सकती है पर अपनी विभाजनकारी चालों में, हमारे पिछड़े समुदायों का मजाक न उड़ाएं.
गिरिराज सिंह ने भी आलोचना
राहुल गांधी के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि बंटवारे की राजनीति से देश नहीं चलता, आपको कर्नाटक में जातिगत जनगणना करानी चाहिए.
ये समझ नहीं आता: अमित मालवीय
किरेन रिजिजू और गिरिराज सिंह के अलावा बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी कांग्रेस नेता की आलोचना की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, चौवन वर्ष की अधेड़ उम्र का व्यक्ति मिस इंडिया की लिस्ट खंगाल रहा है, ये समझ आता है. लेकिन उसमें जाति ढूंढ रहा है, ये समझ नहीं आता. ये बालक बुद्धि राहुल गांधी की घटिया सोच को दर्शाता है. एक तरह का perverse sexism जिसके अनुसार SC/ST/OBC समाज की लड़कियां मिस इंडिया जैसे कॉम्पिटिशन में आगे नहीं बढ़ सकती. थर्ड टाइम फेल राहुल गांधी से बड़े मूर्ख कांग्रेस के वो कार्यकर्ता थे जो सामने बैठ कर लफंगों की तरह सीटी बजा रहे थे और चटकारे ले रहे थे.
उन्होंने आगे लिखा कि सच ये है की 2022 में, छत्तीसगढ़ की रिया एक्का मिस इंडिया बनी थीं. आज से पहले शायद ही किसी ने उनकी जाति पूछी होगी, लेकिन राहुल गांधी की घटिया सोच ने उनकी उपलब्धि को उनकी जाति तक सीमित कर दिया है.
क्या बोले राहुल गांधी
दरअसल, नेता विपक्ष ने शनिवार को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला करते हुए यूपी के प्रयागराज में एक संविधान सम्मान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने मिस इंडिया की लिस्ट चेक की और सोचा की इसमें तो कोई दलित, आदिवासी महिला होगी. लेकिन उसमें भी कोई दलित, आदिवासी महिला नहीं थी. फिर भी मीडिया डांस, म्यूजिक, क्रिकेट, बॉलीवुड की बात करेगा. उसमें भी आपको 90% वाला कोई नहीं मिलेगा, कोई नहीं मिलेगा. कांग्रेस नेता ये बातें देशव्यापी जाति जनगणना कराने के महत्व को दोहराते हुए कहीं थीं.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने शनिवार को कहा कि जाति जनगणना सिर्फ एक जनगणना नहीं थी बल्कि प्रभावी नीति निर्धारण के लिए एक आधार के रूप में काम करती थी.
वहीं, लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में पार्टी के सत्ता में आने पर जातियों, उप-जातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना के लिए देशव्यापी सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना कराने का वादा किया था.
अप्रैल में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि अगर कांग्रेस केंद्र में सरकार बनाती है तो वह देश में लोगों के बीच धन के वितरण का पता लगाने के लिए एक वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण कराएगी. हालांकि, राहुल गांधी के वादे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीखा प्रहार किया, जिन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस देश की संपत्ति "घुसपैठियों" और "जिनके अधिक बच्चे हैं" उसको दे देगी. पीएम मोदी की इस टिप्पणी पर उस वक्त काफी हंगामा हुआ था.
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