मानसून के सीजन में हर साल दिल्ली जलभराव की समस्या का सामना करती है. जिसकी वजह से सीवर सिस्टम पर काफी दबाव पड़ता है. दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने जलभराव पुराने सीवर सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए अत्याधुनिक रीसाइक्लर मशीन की पेशकश की है. रविवार को इस मशीन का ग्रेटर कैलाश क्षेत्र में सफल परीक्षण किया गया.
प्रवेश वर्मा ने क्या कहा?
रविवार को ग्रेटर कैलाश क्षेत्र में अत्याधुनिक रीसाइक्लर मशीन का सफल परीक्षण किया गया. जिसे PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने स्वयं निरीक्षण किया. मीडिया से बातचीक के दौरान कहा, 'हम देखते हैं कि मानसून सीजन में हर जगह पर जल भराव होता है. क्योंकि जो भी हमारे नाले और सीवर लाइन थी उनमें डी शिल्टिंग नहीं हुई थी और कोई एक 2 साल से नहीं 10-20 साल से डी शिल्टिंग नहीं हुई. इसलिए जब भी बारिश होती थी तो सारे भर जाते थे, सड़क पर पानी आ जाता था और वो लोगों के घरों में बेक फ्लो मारता था. हमारी कोशिश है कि हर विधानसभा में एक मशीन हो ताकि सारे सीवर की सफाई हो पूरे अच्छे से और उसके बाद में सारे सीवर में सीसी टी वि कैमरे से हम इस बात को एन्सुर करेंगे कि 100% क्लीन हो गया है'.
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क्या रीसाइक्लर मशीन का देश में कहीं और उपयोग हो रहा है?
PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा, 'ये मशीन जो है पहले से मुंबई में चल रही है. वहां पर ऐसी 100 मशीनें चल रही हैं. गुजरात में भी ऐसी 30 मशीनें चल रही हैं. आज ये मशीन हमारे दिल्ली में डेमॉन्स्ट्रेशन करने के लिए मुंबई से आई है. मगर हमने पिछले हफ्ते ही सुपरसकर 32 मशीनों को ऑर्डर कर दिया है'.
सफाई को लेकर दिल्ली सरकार की बैठक
दिल्ली में हाल में हुई विभागीय बैठकों में यह बात सामने आई थी कि प्रदेश में दशकों से सीवर लाइनें साफ नहीं हुई हैं, जिसके वजह से मानसून में हर साल जलभराव होता है. इन बैठकों में मंत्री ने भरोसा दिलाया था कि अत्याधुनिक मशीन की मदद से सीवर लाइनों को साफ की जाएगी. हर विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा.
क्या है इस मशीन की खासियत?
अत्याधुनिक रीसाइक्लर मशीन कीचड़ और गंदा पानी एकसाथ निकालती है. फिर उसे मौके पर ही ट्रीट करती है. जिसका इस्तेमाल दोबारा जेटिंग के लिए किया जाता है. जिस वजह से पानी की बर्बादी नहीं होती और सफाई का काम तेजी से होता है. इस मशीन होने के बाद से अलग से वाटर टैंक की जरूरत नहीं पड़ती. सफाईकर्मियों को सीवर में उतरने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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