पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का PM मोदी करेंगे उद्घाटन, 9 साल से अटका था प्रोजेक्ट

इस नए एक्सप्रेसवे से हर रोज़ औसत 5,000 वाणिज्यिक वाहन दिल्ली में प्रवेश नहीं करेंगे, जो न केवल ट्रैफिक जाम को कम करेगा, बल्कि प्रदूषण भी करेगा.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

राम किंकर सिंह / वरुण शैलेश

  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:46 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के 83 किलोमीटर के लंबे स्ट्रेच का उद्घाटन करेंगे. यह एक्सप्रेसवे चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों, एनएच-1 (दिल्ली-अंबाला-अमृतसर), एनएच-2 (दिल्ली-आगरा-वाराणसी-डंकुनी), एनएच-8 (दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद-मुंबई) और एनएच-10 (दिल्ली-हिसार-फजिलका-भारत-पाक सीमा) को जोड़ेगा. इससे उत्तर भारतीय राज्यों से केंद्रीय, पश्चिमी और दक्षिण भारत में यातायात में काफी कमी आएगी.

नौ साल से अटका था प्रोजेक्ट

इस 136 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे की आधारशिला 2005-06 में रखी गई थी. लेकिन भूमि अधिग्रहण में देरी की वजह से इसके निर्माण में देरी होती रही. 2009 में संबंधित निर्माण कंपनी ने इस पर काम बंद कर दिया और केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद ही अप्रैल 2016 में फिर से शुरू किया. मगर इस बार चार लेन एक्सप्रेसवे को छह लेन लेन तक बढ़ा दिया गया है. 1,863 करोड़ रुपये की लागत से 83 किलोमीटर का स्ट्रेच बनाया गया है.

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प्रोजेक्ट हेड दिनेश कुमार सिंह ने कहा, "पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (कुंडली, मानेसर और पलवल-केएमपी) अब पूर्वी परिधीय एक्सप्रेसवे (कुंडली, गाजियाबाद और पलवल) से जुड़े हुए हैं, जो दिल्ली के दोनों ओर एक रिंग बना रहा है. इससे हर रोज़ औसत 5,000 वाणिज्यिक वाहन दिल्ली में प्रवेश नहीं करेंगे, जो न केवल ट्रैफिक जाम को कम करेगा, बल्कि प्रदूषण भी करेगा. यह भारत में पहली बार है कि इसमें  वजन-गति-सेंसर का उपयोग किया जा रहा है. इन स्वचालित मशीनों को टोल द्वारा और हर लेन पर रखा जाएगा."

एनसीआर, नई संपत्ति हब

हरियाणा सरकार दो प्रमुख एक्सप्रेसवे-कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) के साथ 5,000 हेक्टेयर के पांच नए शहरों को विकसित करने की योजना बना रही है. प्रत्येक शहर 5,000 हेक्टेयर के न्यूनतम क्षेत्र में फैल जाएगा और इसे औद्योगिक, आर्थिक और वाणिज्यिक गलियारे के रूप में विकसित किया जाएगा.

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लगे हैं कई स्टेच्यू

हाईवे के दोनों तरफ 21 प्रतिमाएं लगाई जाएंगी जिन्हें तराशने का कार्य लगभग अंतिम चरण में है. इन प्रतिमाओं में हरियाणा की कला एवं संस्कृति, योग एवं गीता को दर्शाया जाएगा. एक्सप्रेस वे पर 64 कलवर्ट, 8 माइनर ब्रिज, 6 मेजर ब्रिज, 4 आरओबी, 34 अंडरपास सहित अन्य आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. इस एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की अधिकतम गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी.

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