दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले एन्टी करप्शन ब्रांच (ACB) ने पार्षद का टिकट बेचने के आरोप में AAP विधायक के साले और पीए समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. अब इस मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ACB की कार्रवाई से साफ हो गया कि अगर किसी ने टिकट के लिए किसी से पैसे लिए हैं या दिए हैं, लेकिन तब भी उसे टिकट नहीं मिला. यानी आम आदमी पार्टी इस टेस्ट में पास हुई है कि यहां टिकट के लिए पैसे नहीं चलते हैं.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी यह समझ चुकी है कि वह एमसीडी चुनाव में हार रही है और आम आदमी पार्टी प्रचंड बहुमत से जीत रही है. जाहिर सी बात है कि आम आदमी पार्टी के टिकट की डिमांड भी बहुत ज्यादा थी. आम आदमी पार्टी में और आम आदमी पार्टी के आसपास रहने वाले बहुत से ऐसे लोग थे जो AAP के टिकट से चुनाव लड़ना चाहते थे.
ACB की कार्रवाई से AAP संतुष्ट
सिसोदिया ने कहा कि आज ACB की कार्रवाई से आम आदमी पार्टी के लिए संतुष्टि की बात है कि अगर कोई कहीं पैसे दे रहा है या ले रहा है तो इस पार्टी में टिकट नहीं बिकता है. अगर किसी ने किसी से पैसे ले भी लिए और किसी ने किसी को पैसे दे भी दिए लेकिन उसे टिकट नहीं मिला. इसका मतलब है कि आम आदमी पार्टी में टिकट नहीं बिकता है. आम आदमी पार्टी इस टेस्ट में पास हुई है कि यहां टिकट के लिए पैसे नहीं चलते हैं.
मामले में निष्पक्ष जांच हो- सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा कि जाहिर सी बात है कि कोई इधर उधर अगर बोले कि मैं पैसे लेकर आम आदमी पार्टी की टिकट दिला दूंगा तो बिल्कुल यकीन नहीं करना. पैसे लेकर टिकट देने की बात कहने वाला आदमी सबसे बड़ा झूठा होगा. इस बात का प्रमाण आज सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि एसीबी की कार्रवाई के मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. आम आदमी पार्टी का दुरुपयोग करने के लिए सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
विधायकों के नाम का जिक्र होने के सवाल पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि फिलहाल ACB की जांच चल रही है. जांच के बाद सब कुछ सामने आ जाएगा. लेकिन मुझे याद आ रहा है कि विधायकों ने भी ऐसे किसी नाम का सुझाव हमें नहीं दिया था.
क्या है मामला?
दरअसल, मामला कमला नगर के वार्ड नम्बर 69 का है. यहां आप कार्यकर्ता शोभा खारी ने आम आदमी पार्टी से पार्षद के टिकट की मांग की थी. शोभा का आरोप है कि MLA अखिलेश पति त्रिपाठी ने टिकट दिलाने के बदले 90 लाख रुपये की मांग की थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने 35 लाख रुपये अखिलेशपति त्रिपाठी और 20 लाख रुपये वजीरपुर MLA राजेश गुप्ता को बतौर रिश्वत दिए थे. शोभा के मुताबिक, बाकी 35 लाख रुपये टिकट में नाम आने के बाद देने थे.
लिस्ट जारी होने के बाद जब सूची में शोभा का नाम नहीं आया तो उन्होंने इस बात की शिकायत विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी के साले ओम सिंह से की. उसने पैसे वापस करने की बात कही. शिकायतकर्ता ने बाद में इसकी शिकायत ACB से की और साक्ष्य के तौर पर रिश्वत देते समय रिकॉर्ड किया वीडियो भी एजेंसी को मुहैया करवाया. शिकायत मिलने के बाद ACB ने जाल बिछाया. 15 नवंबर की रात को ओम सिंह अपने साथी शिवशंकर पांडे और प्रिंस रघुवंशी के साथ घूस के 33 लाख रुपये लेकर शिकायतकर्ता के घर पहुंचा. यहां ACB ने एक स्वतंत्र गवाह की मौजूदगी में तीनों को कैश के साथ रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया.
पंकज जैन