'हर वक्त एक्टिव, पर दिखते नहीं थे, क्या था इनका काम...', G-20 की सबसे खतरनाक सिक्योरिटी टीम HIT

Delhi G20 Summit में तैनात HIT स्क्वॉड को मुंबई अटैक के बाद बनाया गया था. क्यों इनकी तैनाती की खबर बड़े-बड़े अधिकारियों को भी नहीं दी जाती? वो किस कमरे में हैं और उनकी असलियत क्या है ये सिवाय उनके कमांडर के और किसी को नहीं पता नहीं होता. चलिए जानते हैं HIT के बारे में विस्तार से...

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प्रतीकात्मक तस्वीर. प्रतीकात्मक तस्वीर.

शम्स ताहिर खान

  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:41 AM IST

दिल्ली में आयोजित जी-20 समिट का सफलतापूर्वक समापन हो गया है. विदेशी मेहमानों के लिए होटलों में देश की सबसे तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इंताम किया गया था. इसमें से एक थी HIT स्क्वॉड. यानी हाउस इंटरवेंशन टीम. HIT की टीम ने G-20 समिट शुरू होने से पहले ही दिल्ली के उन 23 होटल के अंदर अपना मोर्चा संभाल लिया था जहां तमाम राष्ट्राध्यक्ष ठहरने वाले थे.

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HIT टीम के जवान हर होटल के अंदर चंद खास कमरों के अंदर मौजूद थे. पर वो किस कमरे में हैं और उनकी असलियत क्या है ये सिवाय उनके कमांडर के और किसी को नहीं पता था. इन्हें साफ हुक्म था कि किसी भी इमरजेंसी में ये सिर्फ अपने कमांडर का हुक्म मानेंगे. किसी हमले की सूरत में जो भी एक्शन होगा, उसके लिए ये सिर्फ अपने कमांडर से ही इजाजत लेंगे.

गोपनीयता इतनी थी कि G-20 की सुरक्षा में लगे बाकी सुरक्षा एजेंसियों तक को इनकी भनक भी नहीं थी. ज्यादातर HIT के जवान हर होटल के बीचों बीच ऐसे कमरों में मौजूद थे जहां से चारों तरफ वो नजर रख सकते थे. HIT स्क्वॉड के पास अमेरिकन ब्लॉक 17 पिस्टल, कॉर्नर शॉट्स पिस्टल, इजराइल की Tavor Tar-21 एसॉल्ट राइफल, इसके अलावा तमाम आधुनिक हथियार मौजूद थे. कमरों के अंदर अंधेरे में भी ये अपने टारगेट को आसानी से देख सकते थे.

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बता दें, इस टीम का इस्तेमाल पहली बार G- 20 समिट के दौरान किया गया था. आइये इस HIT की पूरी कहानी जानते हैं.

26 नवंबर 2008, इस देश में पहली बार एक ऐसा आतंकवादी हमला हुआ था जिसमें पाकिस्तान से आए आतंकवादी मुंबई के नामचीन पांच सितारा होटलों में घुसकर मेहमानों पर अंधाधुंध गोलियां चला रहे थे. इस तरह के आतंकवादी हमलों से निपटने के लिए इससे पहले न हमारे पास कोई तजुरबा था और न ट्रेनिंग. मुंबई में हुए 26/11 के इस हमले में 166 लोगों की जान चली गई थी.

इसी हमले के बाद पहली बार ये सोचा गया कि भविष्य में अगर किसी होटल या बंद कमरे में कोई आतंकवादी घुस जाएं और वहां मौजूद लोगों को बंधक बना लें तो उससे कैसे निपटा जाए. अलग-अलग राज्यों की पुलिस, NSG कमांडोज, मरीन कमांडो, रैपिड एक्शन फोर्स और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के पास ऐसे हमलों से निपटने का कोई तजुरबा नहीं था.

करीबी लड़ाइयों के माहिर 

इसी सोच के बाद लंबी मेहनत, कोशिश और ट्रेनिंग ने एक ऐसे स्क्वॉयड को जन्म दिया जिसका नाम HIT पड़ा। HIT यानी हाउस इंटरवेंशन टीम. HIT टीम के जवान खासतौर पर करीबी लड़ाइयों के माहिर हैं. यानी किसी होटल या बंद कमरे में आतंकवादी घुस जाएं और किसी वीवीआईपी मेहमान को होस्टेज बना लें तो ये उससे निपट सकते हैं. इन्हें न सिर्फ करीबी मुठभेड़ की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है बल्कि इनके पास दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार होते हैं. G-20 समिट से पहले करीब 6 महीने तक इनकी अलग से खास ट्रेनिंग हुई. कई डमी ट्रायल तो उन पांच सितारा होटल में हुए जहां दुनिया के 20 सबसे ताकतवर देश के राष्ट्राध्यक्ष आठ से 10 सितंबर तक रुके थे.

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HIT को दिए गए थे खास हथियार

HIT स्क्वाड के पास इजरायल की Tavor TAR-21 असॉल्ट राइफल्स और अमेरिकन Glock 17 पिस्टल्स थीं. कुछ जवानों के पास कॉर्नर शॉर्ट्स वाली Glock 17 पिस्टल थीं. ताकि कम दूरी पर अलग-अलग एंगल से गोली चलाई जा सके.

HIT के अलावा G20 समिट के मेहमानों की सुरक्षा के लिए स्निफर डॉग्स तैनात किए गए थे. दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर मेहमानों के होटल तक. कुत्तों के इस स्क्वाड का नाम है- K9. इस स्क्वाड के 69 कुत्ते बम या किसी भी तरह के विस्फोटक को सूंघने का काम करते हैं. इन्हें चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया था. इनमें कई नस्लों के कुत्ते जैसे बेल्जियन मेलिनोइस, गोल्डन रिट्रीवर, लेब्राडोर, और अल्सेशियन थे. इन सभी को ITBP के कैंपों में 6 महीने से ज्यादा की ट्रेनिंग दी गई थी.

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