राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुबह जहरीले स्मॉग की मोटी परत छाई रही. ITO इलाके से सामने आए विजुअल्स में शहर धुंध और प्रदूषण की चादर में लिपटा नजर आया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार सुबह 6 बजे ITO क्षेत्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 417 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है और स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है.
CPCB के ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के कई इलाकों में हालात और भी खराब हैं. वजीरपुर में AQI 443, जहांगीरपुरी में 439, आनंद विहार और रोहिणी में 434, नरेला में 425 और बावना में 424 दर्ज किया गया. बुर्की, चांदनी चौक, पंजाबी बाग और मुंडका जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में भी AQI 410 से ऊपर बना हुआ है. हालांकि IGI एयरपोर्ट क्षेत्र में AQI 307 रहा, लेकिन यह भी 'बेहद खराब' श्रेणी में ही आता है.
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दिल्ली की यह स्थिति ऐसे समय सामने आई है जब दिसंबर का लगभग आधा महीना बीत चुका है. आमतौर पर इस समय तक उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड, घना कोहरा और ठिठुरन देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार मौसम अपने तय पैटर्न से काफी अलग नजर आ रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव जलवायु परिवर्तन का सीधा असर है.
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मौसम विज्ञानियों के अनुसार बीते मानसून में भी इसी तरह का अनियमित पैटर्न देखने को मिला था. मानसून समय से पहले आया, फिर 10 से 15 दिनों का लंबा ब्रेक लिया, अपने पीक पर कमजोर रहा, लेकिन अंत में भारी बारिश और तबाही के साथ विदा हुआ. ठंड के मौसम को लेकर भी विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार ठंड का असर अचानक और असमान तरीके से दिख सकता है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है. खुले में एक्सरसाइज से बचने, मास्क पहनने और अनावश्यक बाहर निकलने से परहेज करने की अपील की गई है. बढ़ता प्रदूषण और बदलता मौसम, दोनों मिलकर दिल्ली-एनसीआर के लिए एक गंभीर चेतावनी बनते जा रहे हैं.
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