दिल्ली के चित्तरंजन पार्क के मछली बाजार में पिछले कुछ दिनों से हंगामा मचा हुआ है. इस विवाद की शुरुआत कथित रूप से तब हुई जब तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें कुछ लोगों द्वारा बाजार में मांस और मछली की दुकानों पर आपत्ति जताई जा रही थी. इस वीडियो में युवकों को यह कहते हुए देखा गया था कि बाजार में मंदिर के पास इस तरह की दुकानों का होना सही नहीं है.
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के पोस्ट के बाद से सोशल मीडिया पर चर्चा तेजी से फैल गई. उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया कि "बीजेपी के गुंडे" मछली खाने वाले बंगालियों को धमका रहे हैं. उनके मुताबिक, चित्तरंजन पार्क के बंगाली समुदाय ने पिछले 60 वर्षों में इस तरह की घटना नहीं देखी है.
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वायरल वीडियो में नजर आने वाले शख्स ने क्या बताया?
आजतक ने इस मामले की तह तक जाने के लिए बाजार में मौजूद विक्रेताओं से बात की. देवेंदु दास और जयदेव दास - इस बाजार में वर्षों से अपनी मछली की दुकान चला रहे हैं, कहते हैं, "कुछ युवक उनसे बातचीत करने आए थे और मंदिर के पास मांस और मछली की दुकान होने पर आपत्ति जताई थी."
बातीच में उसी शख्स ने बताया कि उन्हें किस तरह की बातें कही गई थी. शख्स ने बताया कि 15 दिनों में वे लड़के (वायरल वीडियो में नजर आने वाले तीन लड़के) आए थे, जिन्होंने इंटरव्यू और वीडियोग्राफी की थी.
दुकान शुरू करने से पहले करते हैं काली माता की पूजा!
देवेंदु दास ने बताया कि उन्होंने युवकों से कहा कि वे भी धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हैं और अपनी दुकान शुरू करने से पहले काली माता की पूजा करते हैं. जयदेव दास का कहना है कि युवकों ने किसी राजनीतिक पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह जरूर कहा है कि अगर उनकी दुकान हटाई नहीं गई तो वे मंदिर के सामने 50 लोगों को जमा करके हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे.
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वायरल वीडियो के चलते पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. फिलहाल पुलिस यह समझने की कोशिश कर रही है कि इन युवकों का उद्देश्य क्या था और इस विवाद की वजह क्या है.
हिमांशु मिश्रा