दिल्ली में प्रदूषण की तस्वीर हाल के दिनों में काफी बदल गई है. 30 नवंबर तक जो हवा "बेहद खराब" स्तर पर बनी हुई थी, वह 4 दिसंबर तक "मॉडरेट" स्तर पर पहुंच गई है. नवंबर के पूरे महीने में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ने 300 से नीचे का स्तर नहीं देखा था लेकिन बुधवार को यह आश्चर्यजनक रूप से 200 के भी नीचे आ गया, जो कि एक सकारात्मक संकेत है.
दिल्ली में आज, 4 दिसंबर को दोपहर 1 बजे, AQI 184 रिकॉर्ड किया गया. यह दर्शाता है कि दिल्ली की हवा अब गहरे लाल से होते हुए ऑरेंज कैटेगरी को पार कर "येलो" कैटेगरी यानी मध्यम स्तर पर पहुंच गई है. इसके पीछे मुख्य कारण रहा, हवा की तेज रफ्तार और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी. इन दोनों ही कारकों ने दिल्ली की एयर क्वालिटी में बड़ा सुधार किया है.
कैसी है आपके शहर की एयर क्वॉलिटी, यहां कीजिए चेक
आने वाले दिनों में, 7 दिसंबर से हिमालय के इलाकों में वेस्टर्न डिस्टरबेंस दस्तक देने वाला है. हालांकि, यह सिस्टम इतना मजबूत नहीं है कि दिल्ली में भारी बारिश करवाए, लेकिन 10 दिसंबर तक दिल्ली में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है या फिर आसमान में बादल छाए रह सकते हैं.
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण का क्या है हाल, देखें खास कवरेज
यह मौसमी परिवर्तन निश्चित रूप से दिल्लीवासियों के लिए राहत की खबर लेकर आया है. हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि अगले कुछ दिनों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में और कितना सुधार होता है. प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए यह स्पष्ट है कि मौसमी और पर्यावरणीय कारक सहायक साबित हो सकते हैं.
कैसे मापी जाती है एयर क्वालिटी?
बता दें अगर किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है तो AQI ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 से 100 AQI होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’माना जाता है, अगर किसी जगह का AQI 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का AQI ‘खराब’ माना जाता है. अगर AQI 301 से 400 के बीच हो तो ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI होने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.
कुमार कुणाल