Delhi Air Pollution: जहरीली हुई दिल्ली की हवा, लगातार दूसरे दिन AQI लेवल 400 पार

दिल्ली की हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है. यहां लगातार दूसरे दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर 400 के पार रहा. शुक्रवार की सुबह भी हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया.

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Delhi Air Pollution level increased Delhi Air Pollution level increased

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 8:44 AM IST

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बद से बदतर होती जा रही है. इससे यहां के लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार की सुबह आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 408 ('गंभीर' श्रेणी ) पर, द्वारका सेक्टर-8 में 405 ('गंभीर' श्रेणी ) पर, अलीपुर में 403 ('गंभीर' श्रेणी ) पर, जहांगीरपुरी में 423  ('गंभीर' श्रेणी ) पर दर्ज किया गया.

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केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी के अनुसार दिल्ली के 'पीएम 2.5' प्रदूषण में पराली जलाए जाने से निकलने वाले प्रदूषकों की हिस्सेदारी गुरुवार को बढ़ कर 36 प्रतिशत हो गई, जो इस मौसम में सर्वाधिक है. 'पीएम 2.5' वायु में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कण हैं.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी 'सफर' के मुताबिक, पड़ोसी राज्यों में खेतों में पराली जलाए जाने की 2,912 घटनाएं बुधवार को दर्ज की गईं, जो इस मौसम में सर्वाधिक हैं. सफर ने कहा, 'दिल्ली में पीएम 2.5 के 36 प्रतिशत संकेंद्रण के लिए पराली जलाए जाने की घटनाएं जिम्मेदार हैं.'

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यह संकेंद्रण बुधवार को 18, मंगलवार को 23 और सोमवार को 16, रविवार को 19 और शनिवार को 9 फीसदी था. दिल्ली में गुरुवार की दोपहर 2 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 402 दर्ज किया गया. वहीं, एक्यूआई का 24 घंटे का औसत बुधवार को 297, मंगलवार को 312, सोमवार को 353, रविवार को 349, शनिवार को 345 और शुक्रवार को 366 था.

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शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच को 'मध्यम', 201 से 300 तक को 'खराब' और 301 से 400 के बीच को 'बहुत खराब' तथा 401 से 500 तक को 'गंभीर' माना जाता है.

सफर ने कहा कि स्थानीय स्तर पर पैदा हुए प्रदूषकों और पराली जलाए जाने वाले क्षेत्रों से आने वाली उत्तर पछुआ हवाओं के चलते आए बाहरी प्रदूषक पीएम 2.5 के स्तर में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं. सफर ने कहा कि सतह पर चलने वाली वायु गति और बेहतर मौसमी दशाओं के चलते स्थिति में शनिवार तक सुधार होने की संभावना है.

मौसम विभाग के मुताबिक, गुरुवार को वायु गति की दिशा उत्तर की ओर थी और अधिकतम वायु गति आठ किमी प्रति घंटा थी. न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 26 वर्षों में अक्टूबर महीने में सबसे कम था. शांत हवाएं और कम तापमान प्रदूषकों को जमीन के करीब ही रखती हैं, जबकि वायु गति अधिक रहने से वो बिखर जाते हैं.

 

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