दिल्ली की मंडी समिति के चुनावों में आम आदमी पार्टी के समर्थित उम्मीदवारों ने 17 में से 14 सीटों पर जीत दर्ज की है. इस सफलता को AAP नेताओं ने नोटबंदी से जोड़ने में देरी न करते हुए मोदी सरकार को निशाने पर लिया. जीत दर्ज करने के बाद तमाम उम्मीदवारों ने श्रम मंत्री गोपाल राय से मुलाकात भी की.
12 दिसंबर को हुए चुनाव में कुल 18 में से 17 सीटों पर चुनाव हुआ. 1 सीट पर किसी ने पर्चा नहीं भरा था. सूत्रों के मुताबिक मंडी में चुनाव की जिम्मेदारी आदिल अहमद खान को दी गई थी. दिल्ली की इन मंडीयों में AAP समर्थन वाले उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.
1. दिल्ली एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड: मीठा राम
2. एपीएमसी आजादपुर: भजन सिंह और अमित गुप्ता
3. एपीएमसी गाजीपुर, सब्जी मंडी: मुकेश ढींगरा और जगदीश बजाज
4. एपीएमसी नरेला, अनाजमंडी: अरुण कुमार, रंजीत और राजकुमार
5. एपीएमसी गाजीपुर फूलमंडी: किशन कुमार
6. एपीएमसी नजफगढ़, अनाजमंडी: बलवीर और विजय कुमार
7. एपीएमसी केशवपुर: अजय चौधरी, मदनलाल पवार और जयप्रकाश
आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पाण्डेय ने इसे सीधा नोटबंदी से जोड़ते हुए बताया कि देश में बगैर सोचे-समझे नोटबंदी का तुगलकी फरमान जारी किया गया है. इससे मंडियों में हाहाकार मचा है. व्यापारी परेशानी में हैं और मजदूरों को भुगतान नहीं हो रहा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद आजादपुर मंडी का दौरा किया था. यह चुनाव परिणाम नोटबंदी के खिलाफ है, साफ है जनता और व्यापारी दुखी हैं. हालांकि दिलचस्प बात ये है कि इन तमाम मंडियों की ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था, जबकि 'आप' नेता इसे केंद्र में बीजेपी सरकार के फैसले नोटबंदी से जोड़ रहे हैं, जो अपने आप में कई सवाल खड़े करता है.
पंकज जैन / सुरभि गुप्ता