अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही विधायक दल की नेता चुनी गईं आतिशी ने भी उपराज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. AAP नेता गोपाल राय ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'हमने आतिशी को नए सीएम बनाने का दावा एलजी के सामने पेश किया है. साथ ही हमने उपराज्यपाल से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने की भी मांग की है.'
वहीं केजरीवाल के इस्तीफे के बाद और अपनी सरकार का दावा पेश करने के बाद आतिशी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. आतिशी ने कहा, बीजेपी ने हमारे सीएम पर फर्जी आरोप लगाया. आतिशी ने केजरीवाल के इस्तीफे के फैसले को दुनिया के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे बड़ा फैसला बताया. भाजपा पर निशाना साधते हुए आतिशी बोलीं, 'उन्होंने सारी एजेंसियां अरविंद केजरीवाल के पीछे लगा दीं. 6 महीने तक वो जेल में थे. अरविंद केजरीवाल की जगह कोई और होता तो तुरंत सीएम की कुर्सी पर बैठ जाता है. दिल्ली के लोग बहुत दुखी हैं. लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी प्रण लिया है कि केजरीवाल जी को फिर से सीएम बनाना है.'
'चुनाव तक मेरे पास सिर्फ दो काम'
इसके साथ ही आतिशी ने स्पष्ट कहा कि वो आगामी चुनाव तक ही सीएम रहेंगी और जब दोबारा AAP की सरकार बनेगी तो केजरीवाल ही सीएम बनेंगे. साथ ही आतिशी ने कहा कि अगले चुनाव तक मेरे पास सिर्फ दो काम हैं. पहला, 'दिल्ली के लोगों की भाजपा के षड़यंत्र से रक्षा करना'. दूसरा- 'केजरीवाल को फिर से सीएम बनाना.'
भाजपा ने साधा निशाना
वहीं आतिशी के सीएम चुने जाने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने AAP पर निशाना साधा है. वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, चेहरा बदल देने से AAP का चरित्र नहीं बदलेगा. AAP चेहरा बदलकर मेकओवर करना चाहती है. लेकिन भ्रष्टाचार के जो धब्बे उनके दामन पर लगे हैं, वो साफ नहीं होंगे.
राष्ट्रपति की भी अहम भूमिका
आपको बता दें कि नई सरकार के गठन में उपराज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति कार्यालय का भी बड़ा रोल है. दरअसल, नए सीएम के बनने से नए सिरे से कैबिनेट का गठन होगा. जैसे कि केजरीवाल ने अपना इस्तीफा उपराज्यपाल को सौंपे दिया है. अब LG की तरफ से इसे मंजूरी दी जाएगी और उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. उसके बाद राष्ट्रपति भी इस्तीफे को मंजूर करेंगी.
इसी तरह नई सरकार के गठन को भी पहले उपराज्यपाल सहमति देंगे. उसके बाद आखिरी मुहर राष्ट्रपति की लगेगी. अंत में मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी और उनकी कैबिनेट का शपथ ग्रहण होगा.
विधायकों ने आतिशी को चुना अपना नेता
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक में मंगलवार सुबह ही आतिशी के नाम पर सहमति बनी है. इसके साथ ही वे दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. वे अरविंद केजरीवाल कैबिनेट में भी अहम मंत्रालयों को संभालती रही हैं. केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद से ही उनका नाम सबसे आगे चल रहा था.
जानें आतिशी के बारे में
आतिशी साल 2020 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक चुनी गईं और 2023 में पहली बार केजरीवाल सरकार में मंत्री बनीं. अब सालभर बाद ही 2024 में वो मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. इससे पहले वो 2019 में पूर्वी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी थीं और बीजेपी उम्मीदवार गौतम गंभीर से 4.77 लाख वोटों से हार गई थीं और तीसरे नंबर पर आईं थीं. आतिशी को केजरीवाल का करीबी सहयोगी और विश्वासपात्र माना जाता है. वे अन्ना आंदोलन के समय से संगठन में सक्रिय हैं. इस समय उनके पास सबसे ज्यादा मंत्रालयों की जिम्मेदारी है और जब मार्च में केजरीवाल जेल गए, तब से वो पार्टी से लेकर सरकार तक के मसले पर मोर्चा संभाले देखी गई हैं. मुख्यमंत्री को लेकर जिन अन्य नामों की चर्चा चल रही थी, उनमें कैलाश गहलोत, गोपाल राय और सौरभ भारद्वाज का नाम भी शामिल था.
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