दिल्ली पर 'अधि‍कार' के HC के फैसले को SC में चुनौती देगी 'आप' सरकार

केजरीवाल सरकार अपने अधि‍कारों को लेकर कोर्ट पहुंची थी. लेकिन फैसला उनके उलट रहा. फैसला आते ही दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने वर्षों की चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि ये जीत-हार किसी की नहीं है. ये जीत संविधान की है.

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दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया

स्‍वपनल सोनल / रजत सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 10:29 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा कि राजधानी दिल्ली अभी भी यूनियन टेरिटरी है, लिहाजा संविधान के अनुच्छेद 239AA के तहत इसके लिए स्पेशल प्रावधान हैं और इसके एडमिनिस्ट्रेटर एलजी हैं. कोर्ट के फैसले को 'आप' सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी.

केजरीवाल सरकार अपने अधि‍कारों को लेकर कोर्ट पहुंची थी. लेकिन फैसला उनके उलट रहा. फैसला आते ही दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने वर्षों की चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि ये जीत-हार किसी की नहीं है. ये जीत संविधान की है. उन्होंने कहा, 'हम संविधान और कानून के रक्षक हैं और अपना काम करते रहेंगे.'

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दूसरी ओर, उपराज्यपाल के बयान के तुरंत बाद ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने संविधान की बातों का जिक्र किया और कहा, 'हम हाई कोर्ट के फैसला का सम्मान करते है, लेकिन इससे सहमत नहीं हैं. सरकार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेगी.'

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