बिहार विधानसभा के ठीक सामने परिसर में बन रहे शताब्दी स्तंभ को लेकर अब नया विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह को यादगार बनाने के लिए विधानसभा के मुख्य द्वार के ठीक सामने एक स्तंभ का निर्माण हो रहा है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला गुरुवार को जब बिहार विधानसभा के स्थापना दिवस के अवसर पर पटना पहुंचे थे तो निर्माणाधीन स्तंभ का लोकार्पण किया गया.
विधानसभा परिसर में निर्माणाधीन इसी स्तंभ को लेकर अब एक नया विवाद शुरू हो गया है, जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसको लेकर सवाल खड़े किए हैं.
अशोक चक्र की जगह स्वास्तिक चिह्न
तेजस्वी यादव के कार्यालय से एक ट्वीट किया गया है जहां पर आरोप लगाए गए हैं कि आजादी के बाद यह देश का पहला ऐसा स्तंभ होगा जिसमें अशोक चक्र नहीं होगा, बल्कि उसकी जगह स्वास्तिक चिह्न लगाया गया है जैसा कि ओम बिरला के द्वारा लोकार्पण किए गए स्तंभ के स्वरूप में दिखाया गया है.
नाजियों का बदनाम चिह्न लगा रहे-RJD
राष्ट्रीय जनता दल ने भी इस स्तंभ पर स्वास्तिक चिह्न लगाए जाने का विरोध किया है. आरजेडी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इस बारे में ट्वीट कर नीतीश सरकार पर हमला किया है.
आरजेडी ने ट्वीट किया,"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बिहारवासियों को चुनौती दी है कि बिहार से अशोक स्तम्भ के प्रतीक चिन्हों को हटाकर/मिटाकर जर्मनी के नाजियों का बदनाम स्वास्तिक चिन्ह माथे पर लगा देंगे. नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बनकर ऐसे ही सब देखते रहेंगे."
इधर, विवाद पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी बयान आया है. उन्होंने तेजस्वी के ट्वीट पर कहा कि- पता नहीं हमको मालूम नहीं है. पता नहीं आजकल क्या-क्या ट्वीट करता रहता है. खुद करता है या कोई और कर देता.
रोहित कुमार सिंह