140 रुपए के स्पेशल मसाला डोसा के साथ नहीं दिया सांभर, रेस्टोरेंट पर लगा 3500 का जुर्माना

बिहार के बक्सर में डोसा के साथ सांभर नहीं दिया तो कोर्ट ने रेस्टोरेंट पर जुर्माना लगा दिया. 11 महीने पूराने मामले में कोर्ट ने रेस्टोरेंट को 3500 रुपये उपभोक्ता को देने का आदेश दिया. 140 रुपये के स्पेशल मसाला डोसा में सांभर नहीं देने पर नाराज व्यक्ति ने रेस्टोरेंट को कानूनी नोटिस भेजा था.

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मसाला डोसा मसाला डोसा

पुष्पेंद्र पांडेय

  • बक्सर,
  • 13 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST

बिहार के बक्सर से एक अनोखा मामला सामने आया है. डोसा के साथ सांभर नहीं देने पर कोर्ट ने रेस्टोरेंट पर 3500 का जुर्माना लगाया. साथ ही 45 दिनों के अंदर भुगतान करने का आदेश दिया. तय समय में भुगतान नहीं करने पर 8% ब्याज लगाने को कहा है.

जानकारी के मुताबिक, मामला 15 अगस्त 2022 का है. बक्सर के बंग्ला घाट के रहने वाले वकील मनीष गुप्ता का जन्मदिन था. उस दिन गणेश चतुर्थी भी थी. उनकी मां का व्रत था. उन्हें परेशानी ना हो इसलिए उन्होंने बाहर से कुछ मंगवाने का सोचा. वह नमक रेस्टोरेंट पहुंचे. उन्होंने स्पेशल मसाला डोसा का ऑर्डर किया. वहां से डोसा लेकर वह घर आ गए. जैसे ही उन्होंने पैकेट खोला तो देखा उसमें सांभर नहीं था. इस कारण मां-पिता सहित घर में आए मेहमान हंसने लगे. 

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11 महीने बाद आया फैसला:

मनीष ने अगले दिन इसकी शिकायत रेस्टोरेंट मैनेजर से की. जिस पर उसने मनीष को बेरुखी से जवाब दिया कि 140 रुपये में क्या पूरा रेस्टोरेंट खरीदोंगे. इससे नाराज मनीष ने रेस्टोरेंट को कानूनी नोटिस थमा दिया. मगर, रेस्टोरेंट की तरफ से इसका कोई जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद वकील ने जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद पत्र दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई. 11 महीने तक चली सुनवाई के बाद  कोर्ट ने रेस्टोरेंट को दोषी पाया और सजा के तौर पर उपभोक्ता को भुगतान देने का आदेश दिया.

45 दिन के अंदर भुगतान करने का आदेश:

उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष वेद प्रकाश सिंह एवं सदस्य वरुण कुमार की खंडपीठ ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया. आयोग ने उपभोक्ता को हुए मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक कष्ट के लिए रेस्टोरेंट पर 2 हजार का जुर्माना और वाद खर्च के रूप में अलग से 1500 रुपये का जुर्माना लगाया. साथ ही रेस्टोरेंट को 45 दिनों के अंदर कुल 3500 रुपये जुर्माना के तौर पर भुगतान करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा अगर, तय समय पर भुगतान नहीं किया गया तो 8% ब्याज भी अलग से देना पड़ेगा. कोर्ट के फैसला के बाद यह मामला लोगों में चर्चा का विषय बन गया है. 

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