'हर ताले की चाबी होती है,' विपक्ष को एकजुट करने के सवाल पर जदयू का जवाब

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि हम अपने मकसद में सफल हो गए तो फिर भाजपा को पटखनी देने में कोई मुश्किल नहीं आएगी. लेकिन इसके लिए क्षेत्रीय पार्टियों को अपनी महत्वाकांक्षा छोड़नी होगी, तभी हम सफल हो पाएंगे. कांग्रेस को भी इस पर विचार करना होगा, जिन्हें कई राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों से मुकाबला करना पड़ता है.

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JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने विपक्ष की एकजुटता पर बयान दिया है. JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने विपक्ष की एकजुटता पर बयान दिया है.

सुजीत झा

  • पटना,
  • 05 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:30 PM IST

कल तक नीतीश कुमार को पीएम पद का उम्मीदवार होने से इंकार करने वाले जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने बड़ा बयान दिया है. नीतीश के दिल्ली दौरे से पहले मीडिया ने ललन सिंह से सवाल किया कि देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के महत्वाकांक्षा को कैसे पूरा करेंगे, इसे लेकर ललन सिंह ने जो कहा, उस पर भी सियासत गरमा सकती है.

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बता दें कि नीतीश कुमार के साथ दिल्ली जाने वालों में मंत्री अशोक चौधरी, संजय झा और ललन सिंह शामिल हैं. ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार इसी काम के लिए तो दिल्ली में हैं, ताकि तमाम उन पार्टियों को एक साथ एक मंच पर लाएं, जो भाजपा को हराना चाहती हैं. ललन ने यह भी कहा कि हर ताले की चाबी होती है. विपक्ष एकमत होगा.

क्षेत्रीय पार्टियों को महत्वाकांक्षा छोड़नी होगी

उन्होंने कहा कि हम अपने मकसद में सफल हो गए तो फिर भाजपा को पटखनी देने में कोई मुश्किल नहीं आएगी. लेकिन इसके लिए क्षेत्रीय पार्टियों को अपनी महत्वाकांक्षा छोड़नी होगी, तभी हम सफल हो पाएंगे. कांग्रेस को भी इस पर विचार करना होगा, जिन्हें कई राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों से मुकाबला करना पड़ता है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आगे कहा कि नीतीश कुमार कभी भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं थे, उनका मकसद बस इतना है कि सब लोग एक साथ आ जाएं.

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बीजेपी बोली- अब डिजिटल युग है, ताले-चाबी भूले जाओ

वहीं, बीजेपी ने ललन सिंह के बयान पर चुटकी ली है. पूर्व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अब कौन ताला चाभी रखता है, वो जमाना चला गया है. अब जमाना डिजिटल युग का आ गया है. देश की जनता ने प्रधानमंत्री मोदीजी को अपने दिल में बिठा रखा है. 2024  में एक बार फिर उन्हें प्रधानमंत्री पद पर बिठाने के लिए उस पर डिजिटल लॉक भी लगा दिया है. 

इस बार जनता रिकॉर्ड सीटों से जिताएगी

हुसैन ने आगे कहा कि हर किसी को सपना देखने का हक है. देखे इसमें कोई हर्ज नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के लिए 273 लोकसभा सदस्यों की जरूरत पड़ती है, जिसे पाने के बाद ही इस कुर्सी पर बैठा जा सकता है. पिछली बार 273 की जरूरत थी तो जनता ने 300 पार कर दिया. इस बार उस रिकॉर्ड को भी जनता तोड़ेगी.

 

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