बिहार की राजनीति में कब कौन सा मुद्दा बड़ा बन जाए और कब किस मुद्दे पर बवाल शुरू हो जाए, ये बता पाना हमेशा मुश्किल रहता है. अब बिहार की राजनीति में 'जमीन' को लेकर संग्राम छिड़ गया है. विवाद सिर्फ इतना है कि आरजेडी अपने पार्टी कार्यालय के लिए ज्यादा जमीन चाहती है. तर्क दे रही है कि वो सबसे बड़ी पार्टी है,लेकिन उसे सबसे कम जमीन आवंटित हुई.
लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर अलग राय रखते हैं. उन्होंने कहा है कि सब पार्टियों को जमीन अलॉट की जा चुकी हैं. अब जमीन क्या आसमान से आएगी. अब नीतीश के बयान पर भी आरजेडी ने अपनी तरफ से एक समाधान भेज दिया है.
बिहार में जमीन को लेकर संग्राम
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से मांग की है कि पटना हाई कोर्ट की खाली जमीन उनकी पार्टी को अलॉट कर दी जाए. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि विभाग माननीय हाई कोर्ट से पत्राचार कर उस जमीन को आरजेडी कार्यालय के लिए मांग ले और उसके एवज में हाई कोर्ट को दूसरी जगह जमीन आवंटित करे.
अब आरजेडी को दर्द इस बात से भी है कि जेडीयू के सबसे कम विधायक हैं लेकिन फिर भी कार्यालय के लिए सबसे ज्यादा जमीन है. बीजेपी दूसरे नम्बर की पार्टी है, उसके कार्यालय में भी आरजेडी कार्यालय से ज्यादा जमीन है. इसी दर्द की वजह से आरजेडी अब इस जमीन विवाद को बड़ा बनाने की पूरी कोशिश कर रही है.
तेजस्वी ने जेडीयू पर लगाया आरोप
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि जेडीयू कार्यालय के लिए पार्टी ने विधायकों के फ्लैट को तोड़कर जमीन पर कब्जा किया है. उन्होंने कहा कि जेडीयू कार्यालय 66000 वर्ग फीट जमीन पर है और उसके 41 विधायक हैं. बीजेपी के 74 विधायक हैं और उसका कार्यालय 52000 वर्ग फीट जमीन पर है. लेकिन आरजेडी कार्यालय को मात्र 19842 वर्ग फीट जमीन अलॉट है जबकि उसके 75 विधायक हैं.
नीतीश ने कसा तंज
तेजस्वी के इन आरोपों से नीतीश कुमार इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा है कि इनकी सरकार थी तब किसी को भी जमीन अलॉट इन्होंने नहीं किया था. हम लोगों ने 2006 में सभी मान्यता प्राप्त पार्टियों को जमीन अलॉट की, जो च्वॉइस थी वही मिली.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने आरजेडी पर तंज कसते हुए कहा है कि जिस दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास घोटालों से अर्जित अकूत बेनामी संपत्ति पड़ी है, उस दल के प्रदेश अध्यक्ष को एक छोटे से कार्यालय के लिए सरकार को अर्जी क्यों देनी पड़ रही है? कहीं आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव के प्रकोप से डर कर अलग कार्यालय का निर्माण करने के लिए सरकार को अर्जी नहीं दे रहे हैं.
सुजीत झा