बिहार: फिर हड़ताल पर NMCH के डॉक्टर, कोविड मरीजों के इलाज में दिक्कत

अब जानकारी मिल रही है कि NMCH के जूनियर डाक्टर फिर हड़ताल पर चले गए हैं. उनकी तरफ से दावा किया जा रहा है कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल रही है. कोविड मरीज के परिजन उन्हें मारते हैं, बदसलूकी करते हैं, लेकिन कोई भी एक्शन नहीं होता.

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प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो-Reuters) प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो-Reuters)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 29 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 12:45 AM IST
  • फिर हड़ताल पर NMCH के डॉक्टर
  • डॉक्टरों का आरोप, हो रही हाथापाई

बिहार में कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से पैर पसार रहा है और रोज नए रिकॉर्ड कायम हो रहे हैं. जिस तेजी से मामले बढ़ रहे हैं, उसी तेजी से स्वास्थ्य सेवाएं भी चरमराती दिख रही हैं. लेकिन इस बीच भी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. कहने को NMCH में कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है, लेकिन जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ने काम को काफी प्रभावित कर दिया है.

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फिर हड़ताल पर NMCH के डॉक्टर

अब जानकारी मिल रही है कि NMCH के जूनियर डाक्टर फिर हड़ताल पर चले गए हैं. उनकी तरफ से दावा किया जा रहा है कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल रही है. कोविड मरीज के परिजन उन्हें मारते हैं, बदसलूकी करते हैं, लेकिन कोई भी एक्शन नहीं होता. सभी जूनियर डॉक्टरों को अपनी जान का खतरा सताने लगा है. वे इस डर के माहौल में काम करने को तैयार नहीं है. वैसे इस बार जब फिर ये डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं, तब मंगलवार रात को हुई एक घटना को इसके लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है. कहा गया है कि मंगलवार रात को एक कोविड मरीज के परिजनों ने कोविड वॉर्ड में काफी तोड़फोड़ की थी. दरअसल उस मरीज की मौत हो गई थी और इसी वजह से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में ही तोड़फोड़ कर दी.

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डॉक्टरों का आरोप, हो रही हाथापाई-गाली गलौज

इससे पहले भी NMCH के डॉक्टर जब हड़ताल पर बैठे थे तब उन्हें यहीं शिकायत थी कि कोविड मरीज के परिजन उनके साथ हाथापाई करते हैं, उनके साथ गाली गलौज होता है. अब क्योंकि इन घटनाओं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही, ऐसे में डॉक्टर भी लगातार हड़ताल को ही अपना हथियार बना रहे हैं. लेकिन ऐसा होते ही अस्पताल में काम बड़े स्तर पर बाधित हो जाता है और कोविड मरीजों की जिंदगी पर भी बात बन आती है. लेकिन क्योंकि अभी तक जूनियर डॉक्टरों को कोई आश्वासन नहीं मिला है, ऐसे में वे भी लगातार सिर्फ स्ट्राइक कर अपना विरोध जाहिर कर रहे हैं.

एनएमसीएच के अधीक्षक की तरफ से बताया गया है कि उन्होंने 20 पुलिस जवानों की तैनाती की मांग की है. इस सिलसिले में एक पत्र भी लिखा गया है, लेकिन किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया गया है. ऐसे में भी जूनियर डॉक्टरों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है और वे इस हड़ताल को आगे तक जारी रखने की चेतावनी दे रहे हैं.

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