'मिनी स्विटजरलैंड' कहलाने वाली बैसरन कैसे बन गई मौत की घाटी

जिस बैसरन घाटी में कभी लोग सुकून के चंद पलों की तलाश में जाते थे, वो अब खौफ का पर्याय बन चुकी है. हो सकता है कि आप बैसरन न गए हों. लेकिन आम लोगों द्वारा बनाए गए इन पुराने वीडियो को देख कर भी आप समझ सकते हैं कि इस सुंदर लेकिन दुर्गम जगह को देखने के लिए लोग कितनी मुश्किल से वहां पहुंचे थे. तब उन्हें क्या पता था कि ये उनका आखिरी सफर साबित होगा. ये भी समझ में आता है कि आतंकवादियों ने निहत्थे पर्यटकों पर हमला करने के लिए ये जगह क्यों चुनी.

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा और गम का माहौल है पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा और गम का माहौल है

फैक्ट चेक ब्यूरो

  • नई दिल्ली ,
  • 23 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 10:25 PM IST

अगर आप गूगल पर कश्मीर की बैसरन घाटी सर्च करें, तो आपको दिखेगा कि ये जगह फिलहाल बंद है, लेकिन इस जगह के बारे में इंटरनेट पर तमाम फोटो और वीडियो मौजूद हैं. इन्हें देखने से आसानी से समझा जा सकता है कि आतंकियों ने हमला करने के लिए इस जगह को किसलिए चुना होगा. न तो वहां फंसे लोगों के लिए भागना आसान होगा और न ही हमले के बाद पुलिस या सेना का मदद के लिए पहुंच पाना.

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बैसरन घाटी, पहलगाम से लगभग साढ़े छह किलोमीटर दूर है. लेकिन वहां तक गाड़ी जाने का कोई रास्ता नहीं है. ये सफर या तो पैदल तय करना पड़ता है या फिर घोड़े-खच्चर पर. वो भी टूटे-फूटे, कीचड़ से भरे पथरीले रास्ते पर.

 

रास्ते में 'बैसरन एडवेंचर ट्रेक' का एक बड़ा-सा गेट आता है. कार बस वहीं तक जा पाती है. यहां से आगे जाने के लिए दो रास्ते हैं. पहला रास्ता एक मार्केट की तरफ से जाता है तो दूसरा जंगल की तरफ से. एक रास्ता ज्यादा लम्बा है तो दूसरा ज्यादा मुश्किल.

 


(Video Credit: Traveling Eyesight/YouTube) 

जंगल वाला रास्ता काफी पथरीला है और बारिश हो जाए तो जगह- जगह कीचड़ भी भर जाता है.   

 

 

(Video Credit: Manish Solanki Vlogs/YouTube) 

बैसरन घाटी को गड़रियों की घाटी भी कहा जाता है. लोग इतने दुश्वारियों भरे रास्ते को पार करके भी यहां आते थे क्योंकि ये जगह बेहद दिलकश है. आपने खबरों में देखा होगा कि किस तरह हमले के वक्त ज्यादातर लोग परिवार के साथ पिकनिक के मूड में थे.

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आतंकी वारदात से जुड़े जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, उनमें नीले-पीले तिरपाल वाले कुछ रेस्टोरेंट भी दिख रहे हैं. लोग जब यहां की जिपलाइन जैसी एडवेंचर एक्टिविटीज करके थककर चूर हो जाते थे, तो वो इन्हीं रेस्टोरेंट्स में जाकर स्नैक्स का लुत्फ उठाते थे

 

 

(Video Credit: travel.nature.365/Instagram) 

 

मैदान के उपर जिस जंगल में आतंकवादी घात लगाए बैठे थे वो यहां पहुंचे लोगों के लिए टहलने और फोटो खिंचाने की पसंदीदा जगह थी.


 


(Video caption: Credit: Kritika_khatri09/Instagram) 


इस ड्रोन शॉट को देखकर पता चलता है कि लोग पहलगाम से यहां आने की जहमत क्यों उठाते थे. शायद ऐसे ही नजारे की वजह से इसे ‘मिनी स्विटजरलैंड’ का नाम मिला था. 

(Video caption: Credit: Adventure Travel with Suyash/YouTube) 
 

अपने पति के शव के पास बैठी गमगीन महिला की तस्वीर इस खौफनाक घटना की एक आइकॉनिक तस्वीर बन गई है. लेकिन पहले ठीक इसी जगह पर ली गई फोटो जाने कितने परिवारों के एलबम में यादगार लम्हों के तौर पर सजी होगी.  

गर्मी की छुट्टियां कश्मीर घूमने का पीक सीजन होता है. लेकिन अब सब कुछ बदल चुका है. आम लोगों की चुन-चुन कर हत्या करने के बाद अब पर्यटक बैसरन का रुख कब करेंगे ये कहना मुश्किल है.अफसोस, कि अब जब भी कोई बैसरन के बारे में सोचेगा, ये तस्वीर उसका दिल दहलाएगी.  

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