फैक्ट चेक: बंदरों को खाना खिलाते वाराणसी के पुलिस वालों का बताया जा रहा ये वीडियो AI से बना है

वीडियो में घाट के किनारे बड़ी संख्या में बंदरों को दो कतारों में बैठे हुए देखा जा सकता है. हर एक बंदर के सामने केले के पत्ते पर भोजन रखा हुआ है. सभी बंदर शांति से खाना खा रहे हैं और इन बंदरों के पीछे तमाम पुलिसकर्मी भी लाइन से खड़े हैं. वीडियो में पुलिसकर्मियों के हाथों में केसरी झंडे भी नजर आ रहे हैं.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो यूपी के वाराणसी का है जहां पुलिसकर्मियों ने एक घाट पर बंदरों को खाना खिलाया.
सच्चाई
ये वीडियो AI से बना है. एक यूट्यूब चैनल ने इसे 30 जुलाई को अपलोड किया था.

संजना सक्सेना

  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:19 PM IST

क्या जन्माष्टमी के अवसर पर 16 अगस्त को यूपी पुलिस ने वाराणसी के घाट पर बंदरों को भोजन कराया? सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए कुछ ऐसा ही कहा जा रहा है. 

इस वीडियो में घाट के किनारे बड़ी संख्या में बंदरों को दो कतारों में बैठे हुए देखा जा सकता है. हर एक बंदर के सामने केले के पत्ते पर भोजन रखा हुआ है. सभी बंदर शांति से खाना खा रहे हैं और इन बंदरों के पीछे तमाम पुलिसकर्मी भी लाइन से खड़े हैं. वीडियो में पुलिसकर्मियों के हाथों में केसरी झंडे भी नजर आ रहे हैं. 

Advertisement

यूपी पुलिस पर तंज कसते हुए X पर ये वीडियो शेयर कर एक शख्स ने लिखा, “उत्तर प्रदेश पुलिस तो यहां बिजी है, फिर चाहे प्रदेश में बलात्कार हों, आर्मी के जवान को टोल कर्मियों द्वारा पीटा जाए, गोलियां चलें या कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ी हों मगर सनातन की सेवा में कमी नहीं रहनी चाहिए. वाराणसी घाट पर जन्माष्टमी पर वानर सेना को भोजन करवाती पुलिस. जय श्री राम.”

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो किसी असल घटना को नहीं दिखाता. इसे AI से बनाया गया है. एक यूट्यूब चैनल ने इसे जन्माष्टमी से पहले, 30 जुलाई को अपलोड किया था. 

कैसे पता लगाई सच्चाई?

वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें इसमें कुछ अटपटी चीजें नजर आईं. जैसे, वीडियो की शुरुआत में घाट पर चलते हुए एक आदमी का हाथ कुछ सेकंड के लिए गायब हो जाता है. आगे वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी हाथ में झंडा पकड़े दिखते हैं, लेकिन उनके कंधे पर हवा में ही बंदूक टिकी हुई नजर आती है. 

Advertisement

इन झंडों पर कुछ लिखा भी है, हालांकि इसे पढ़ने से कुछ समझ में नहीं आ रहा है. एक झंडे पर ‘मवजृ’ लिखा है, जिसका कोई अर्थ नहीं है. वहीं, दूसरे झंडे पर भी कुछ लिखा है, जो स्पष्ट नहीं है.  

थोड़ा और खोजने पर हमें इस वीडियो का लंबा वर्जन एक यूट्यूब चैनल पर मिला. ‘Cg27 Nishad Arts’ नाम के इस चैनल पर ये वीडियो 30 जुलाई, 2025 को अपलोड किया गया था. इस चैनल के डिसक्रिप्शन में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि यहां AI से बने वीडियो शेयर किये जाते हैं. 

इस यूट्यूब चैनल पर बंदरों के और भी कई एआई जेनरेटेड वीडियो देखे जा सकते हैं

इसके बाद हमने ‘Hive Moderation’ और ‘Sight Engine’ टूल्स पर भी इस वीडियो को टेस्ट किया. इन टूल्स ने भी इस वीडियो को AI से बना हुआ बताया. 

साफ है, घाट किनारे भोजन करते बंदरों के AI से बने वीडियो को वाराणसी के पुलिसकर्मियों का बताकर शेयर किया जा रहा है. 

---- समाप्त ----

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement