फैक्ट चेक: पीएम मोदी की ये सोने की मूर्ति सऊदी अरब में नहीं लगाई गई है, ये सूरत के एक ज्वेलर के पास है

'आजतक फैक्ट चेक' ने पाया कि ये मूर्ति सूरत, गुजरात के एक ज्वेलर बसंत बोहरा की कंपनी ने बनाई थी. इसे वहीं के एक दूसरे ज्वेलर मिलन शाह ने खरीदा था. वर्तमान में ये मूर्ति सूरत में मिलन शाह के पास है, न कि सऊदी अरब में.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
पीएम मोदी की ये सोने की मूर्ति सउदी अरब में लगवाई गई है.
सच्चाई
ये मूर्ति वर्तमान में सूरत, गुजरात के एक ज्वेलर के पास है, न कि सउदी अरब में.

ज्योति द्विवेदी

  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:02 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चमचमाती सुनहरी रंग की मूर्ति का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है. कुछ लोगों का कहना है कि ये सोने की मूर्ति सऊदी अरब में लगवाई गई है, जिससे पता लगता है कि मुस्लिम देशों में भी लोग उन्हें कितना मानते हैं. वीडियो में दिख रही ये मूर्ति अपनी धुरी पर गोल-गोल घूम रही है.

एक ट्विटर यूजर ने ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "लोगो की मोम से मुर्तिया बनती है लेकिन सऊदी अरब मुस्लिम देश में मोदी की सोने की मूर्ति बनाकर लगवा दी. और यहां के देशद्रोही लोगों को मिर्ची लग रही है."

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इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां  देखा जा सकता है.  


 

'आजतक फैक्ट चेक' ने पाया कि ये मूर्ति सूरत, गुजरात के एक ज्वेलर बसंत बोहरा की कंपनी ने बनाई थी. इसे वहीं के एक दूसरे ज्वेलर मिलन शाह ने खरीदा था. वर्तमान में ये मूर्ति सूरत में मिलन शाह के पास है, न कि सऊदी अरब में.

कैसे पता लगाई सच्चाई?  

कीवर्ड सर्च के जरिये तलाशने पर हमें वायरल वीडियो 'अमर उजाला' की 20 जनवरी, 2023 की एक रिपोर्ट में मिला. इसमें बताया गया है कि ये मूर्ति सूरत के जौहरी बसंत बोहरा की टीम ने बनाई थी. साल 2022 के गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 182 में से 156 सीटें जीती थीं. इसी के मद्देनजर 18 कैरेट सोने से बनी इस मूर्ति का वजन 156 ग्राम रखा गया था.

'द इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के मुताबिक बसंत बोहरा मूल रूप से राजस्थान के हैं, पर पिछले 20 सालों से सूरत में रह रहे हैं. वो 'वेली बेली' ब्रांड की 'राधिका चेन्स' नामक कंपनी के मालिक हैं. गौरतलब है कि वायरल वीडियो वाली मूर्ति में भी एक जगह 'वेली बेली' लिखा दिखाई देता है.

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'द हिंदू' की एक खबर  के मुताबिक, इस मूर्ति को बनाने में 20 कारीगरों को तीन महीने का समय लगा था. ये मूर्ति दिसंबर, 2022 में ही तैयार हो गई थी. लेकिन जब बीजेपी ने गुजरात में 156 सीटें जीतीं, तो मूर्ति का वजन भी 156 ग्राम तक करने के लिए इसमें कुछ बदलाव किए गए.

जनवरी, 2023 में पीएम मोदी की इस सोने की मूर्ति के बारे में और भी कई खबरें छपी थीं. ऐसी ही कुछ खबरों को यहां यहां और यहां पढ़ा जा सकता है.

क्या बोले बसंत बोहरा?  

बसंत ने 'आजतक' को बताया कि उन्होंने ये मूर्ति कला मंदिर ज्वैलर्स को बेची थी और इसे सऊदी अरब में लगाए जाने की बात बिल्कुल गलत है. हमने कला मंदिर के डायरेक्टर मिलन शाह से भी इस मूर्ति के बारे में बातचीत की. मिलन ने हमें बताया कि उन्होंने करीब 11 लाख रुपये में ये मूर्ति 'राधिका चेन्स' से खरीदी थी और वो उन्हीं के पास है. उन्होंने हमें मूर्ति की एक ताजा तस्वीर भी भेजी जिसे नीचे देखा जा सकता है.

साफ है, वायरल वीडियो में दिख रही मूर्ति वर्तमान में गुजरात के सूरत में है न कि सऊदी अरब में.

(इनपुट: सूरत से संजय सिंह राठौर) 

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