एक लंबे समय से आर्थिक तंगी से गुजर रहे ईश्वर ठाकुर की खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. कई फैन्स समेत इंडस्ट्री के लोग उनकी मदद के लिए आगे आए हैं. इतना ही नहीं एफआईआर की चंद्रमुखी चौटाला यानी कविता कौशिक ने ईश्वर के लिए क्राउड फंडिंग की शुरुआत की है.
बता दें, ईश्वर ठाकुर को देशभर से लोग जितना भी बन पड़े वो रकम भेजकर मदद कर रहे हैं. ईश्वर ने बताया मुझे गूगल पे और पेटीएम पर कभी 20 रुपये, तो कभी 10 रुपये तो कभी 50 रुपये रिसीव के मेसेजस आ रहे हैं. वो कहते हैं न बूंद-बूंद से सागर भरता है. ऐसे करके करीब 20 हजार रुपये इक्ट्ठा हो चुके हैं. मैं तहे दिल से उन लोगों का शुक्रियाअदा करना चाहता हूं, जिन्होंने मेरे लिए इतना सोचा है.
मदद के लिए कविता कौशिक भी आईं आगे
एफआईआर में ईश्वर के साथ काम कर चुकीं शो की लीड एक्ट्रेस कविता कौशिक भी आगे आई हैं. आजतक डॉट इन से बात करते हुए कविता बताती हैं, ईश्वर को मैं एफआईआर के दिनों से जानती हूं. आपको बता दूं, ईश्वर जी हमारी टीम में लिया ही इसलिए गया था क्योंकि वो एक डिस्टर्ब्ड फाइनैंसियल कंडीशन और डिस्टर्ब्ड फैमिली से आते थे. उनके भाई मेंटली स्टेबल नहीं है और फाइनैंशिली भी काफी कमजोर रही है फैमिली. पूरी टीम की यही कोशिश होती थी कि उनको रोज शूटिंग का मौका मिले. इसलिए उन्हें कॉन्स्टेबल गोलू का किरदार दिया था. ईश्वर भी थोड़े स्लो थे, कई बार वो डायलॉग भी नहीं बोल पाते थे लेकिन उनके हिसाब से ही रोल बनाया गया था. उसका पूरा क्रेडिट हमारे डायरेक्टर को जाता है.
हम ईश्वर की हालात से वाकिफ हैं. एफआईआर के दौरान बहुत लोग उनकी मदद करते थे. हालांकि शो को बंद हुए सात-आठ साल हो गए थे, तो उनसे एक टच छूट गया था. लॉकडाउन के दौरान मुझे ईश्वर का कॉल आया था, और उन्होंने बताया कि उनकी हालत बिगड़ गई है. उस दौरान फिर हमने मदद की थी.
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क्राउंड फंडिंग कर रही हैं अपील
कविता आगे कहती हैं, अभी मैंने न्यूज में दोबारा उनके हालत की खबर पढ़ी. उन्हें अभी बेसिक चीजें भी नहीं मिल पा रही हैं. मैंने दोबारा टीम से बात की है. मुझे उनकी हालत देखकर लगा कि हम चाहे कितनी भी पर्सनली मदद कर दें, इससे पूरा नहीं होगा. वैसे मैंने जेडी मजेठिया, बिनायफर कोहली की मदद से ईश्वर के लिए 50 हजार इक्ट्ठा कर उन्हें दिया है. इसलिए मैंने क्राउड फंडिंग इनीसिएटिव की शुरुआत की है, ताकि उनकी बेसिक चीजें शॉर्टआउट हो जाए. ये प्रयास चल रहा है, हालांकि दो तीन दिन में काफी पैसे इक्ट्ठा हो गए हैं. मैं इसी कोशिश में हूं कि पर्सनली पैसे देने के साथ-साथ उनके भविष्य की सेफ्टी के लिए कुछ लोगों से मदद लेकर पैसे जमा कर दूं. मैंने अपने सोशल मीडिया पर भी इसकी जानकारी दी है. लोग चाहें, तो मदद कर सकते हैं. मेरा टारगेट यही है कि बड़ा अमाउंट हो जाए, जिससे उनका मेडिकल जरूरत क्लीयर हो जाए और उनकी बेसिक जरूरतें भी एक लंबे समय के लिए पूरी हो जाए.
नेहा वर्मा