केजीएफ फिल्म फ्रेंचाइजी से दुनियाभर में नाम कमाने वाले यश आज के जमाने के नए सुपरस्टार के रूप में जाने जाते हैं. रॉकी भाई के किरदार के साथ यश ने भारतीय सिनेमा और फैंस को एक नए और अलग तरह के एंग्री यंग मैन से मिलवाया है. उनका किरदार और उनकी फिल्म केजीएफ चैप्टर 1 और 2, बेहद आलीशान ढंग से बनाई गई थीं. इन फिल्मों ने देश से लेकर विदेश तक में बेहतरीन कमाई की. साथ ही यश इसकी वजह से पैन इंडिया स्टार कहलाने लगे. लेकिन इस सफर की शुरुआत आखिर कैसे हुई थी?
कहां से हुई थी केजीएफ की शुरुआत?
शनिवार को हुए इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2022 के दौरान यश ने अपनी फिल्म केजीएफ के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि अपनी जिंदगी के आठ साल उन्होंने इस फ्रेंचाइजी को दिए हैं. अपने रॉकी भाई के किरदार पर उन्होंने मेहनत की. फिल्म की शुरुआत कैसे हुई इसके बारे में बताते हुए यश ने कहा, 'होम्बाले फिल्म्स के मिस्टर विजय किरंगदुर, कुछ सालों पहले मेरे पास आए थे. उस समय उन्होंने एक फिल्म की थी, जिसका नाम था निनीनतले. उसके बाद हम दोनों ने बात करना शुरू किया कि हम कैसी फिल्में बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि देखो चिंता मत करो, हम बजट का कुछ कर लेंगे. हम इस इंडस्ट्री की सबसे बड़ी फिल्म बनाएंगे. मेरी ये सोच थी. मैं अपने तरीके से इंडस्ट्री में आगे बढ़ने के लिए लड़ रहा था और वो अपनी तरह लड़ रहे थे.'
डायरेक्टर प्रशांत ने दिया था फिल्म का आइडिया
उन्होंने आगे कहा, 'हम दोनों ने साथ काम करना शुरू किया. हम अपनी इंडस्ट्री के लिए बड़ी फिल्म बनाना चाहते थे. इसके बाद हमारी मुलाकात प्रशांत नील से हुई. प्रशांत ने तब एक फिल्म की थी, जिसका नाम उग्र था. हमारे एक एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसएर ने कार्तिक से बात की और कार्तिक ने प्रशांत से. विजय सर और हम सभी ने मिलकर बात की. उन्होंने पूछा कि क्या हमें मिलकर काम करना है. मुझे प्रशांत का काम बहुत पसंद है. मैं उनके काम से प्यार करता हूं तो मैंने कहा हां. तो जो आइडिया प्रशांत नील के पास तब था, वो आज बनी हमारी फिल्म से बिल्कुल अलग था.'
केजीएफ को लेकर प्रशांत नील के आइडिया के बारे में भी यश ने बताया, 'आइडिया ये था कि हमें बड़ी फिल्म बनानी है. हमें नहीं पता था हम क्या बनाने वाले हैं. लेकिन हमारा विजन सेट था. विजन ये था कि हमें सभी को एक बूस्ट देना है. मुझे उस समय सक्सेस मिल रहा था. जब ज्यादा से ज्यादा दर्शक आपकी फिल्म देखने लगते हैं तो उसके साथ पावर भी आती है. वो सफलता आपके पास बैठकर जश्न मनाने के लिए नहीं बल्कि बाहर जाकर और बड़ी चीजें करने के लिए है. तभी हमें समझ आया. मेरी फिल्में उस समय एक के बाद एक हिट हो रही थीं. तब प्रशांत एक फिल्म का आइडिया लेकर आए. ये पीरियड फिल्म थी और इसका एक हिस्सा केजीएफ था.'
यश ने फिल्म को दिए 8 साल
यश आगे कहते हैं, 'मतलब फिल्म में एक राजा था जो गैर-कानूनी ढंग से खुदाई करवाता था. कुछ ऐसा. मैंने उन्हें कहा कि ये अपने आप में एक स्टोरी बन सकती है. उन्होंने कहा- सही में तुम्हें ऐसा लगता है? मैंने कहा हां. ये अपने आप में दिलचस्प चीज है. उनके पास कुछ सीन्स थे जो हमने केजीएफ में इस्तेमाल किए. उन्होंने पूरी फिल्म सोची और हमने मिलकर इसपर काम किया. हमने फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले इसपर 6 से 7 सालों तक काम किया था. तो 2014 से 2022 तक केजीएफ बहुत बड़ा सफर रहा है. हम सभी ने मिलकर 8 साल इस फिल्म फ्रेंचाइजी को दिए हैं.'
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