तमिल सुपरस्टार थलपति विजय की आने वाली फिल्म ‘जन नायगन’ बहुत चर्चा में है. अपनी पॉलिटिकल पार्टी बनाकर फुल टाइम पॉलिटिक्स में उतरने जा रहे विजय अनाउंस कर चुके हैं कि वो फिल्में छोड़ रहे हैं. 9 जनवरी को रिलीज होने जा रही ‘जन नायगन’ उनकी आखिरी फिल्म है. इसका हिंदी टाइटल ‘जन नेता’ रखा गया है. उत्तर भारत के दर्शकों में विजय की हिंदी डब फिल्में खूब पॉपुलर रही हैं. उनका फैन बेस भी यहां तगड़ा है. पर अभी तक उनकी फिल्मों को हिंदी डबिंग के साथ उत्तर भारत में बड़ी रिलीज नहीं मिली थी. अब ‘जन नायक’ ये गेम पलटने वाली है.
हिंदी में बड़ी रिलीज होगी ‘जन नायक’
सैकनिल्क की एक रिपोर्ट के अनुसार, विजय की ‘जन नेता’ को हिंदी में जी स्टूडियोज डिस्ट्रीब्यूट करने जा रहा है. ‘जन नेता’ को सिर्फ गिने-चुने थिएटर्स तक नहीं रखा जाएगा. इसे हिंदी में बड़े स्केल पर रिलीज करने का प्लान बनाया जा रहा है. विजय की पिछली किसी फिल्म को हिंदी में बहुत बड़ी रिलीज नहीं मिली. लेकिन मेकर्स का प्लान हिंदी मार्केट में उसी तरह रिलीज करने का है, जैसे इसके ऑरिजिनल वर्जन ‘जन नायगन’ को साउथ में बड़े पैमाने पर रिलीज मिलेगी.
विजय की फिल्म की हिंदी रिलीज पर इतना जोर क्यों?
तमिल इंडस्ट्री में अपने हीरोज को बड़े पैशनेट तरीके से सलाम करने की परंपरा रही है. वहां एक्टर्स ने फिल्मों को अपने पॉलिटिकल फायदे के लिए भी खूब इस्तेमाल किया है. तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्रियों— सी. एन. अन्नादुराई, एम. करुणानिधि, एमजीआर और जे. जयललिता ने फिल्मों के रथ पर सवार होकर पॉलिटिकल किले फतह किए हैं.
‘जन नायगन’ या ‘जन नेता’ विजय की आखिरी फिल्म है. फिल्म के जरिए उनकी ‘लीडर’ वाली इमेज बुलंद करने की कोशिश तो होगी ही. इस कोशिश को बड़े से बड़े लेवल पर ले जाने के लिए ‘जन नायक’ का बड़े पैमाने पर रिलीज होना भी जरूरी है. हिंदी में विजय की फिल्म को बड़ी रिलीज मिलने की दूसरी बड़ी वजह उनका पैन इंडिया पोटेंशियल भी है.
विजय हिंदी बेल्ट में खूब पॉपुलर हैं. मगर मॉडर्न पैन इंडिया लहर में मेकर्स उनकी इस ताकत को पहचान नहीं पाए. वरना रजनीकांत की तरह विजय को भी हिंदी में बड़ी कामयाबी मिलती. इसलिए भी ‘जन नायगन’ के मेकर्स का हिंदी रिलीज पर जोर देना समझ आता है. क्योंकि विजय की पिछली फिल्मों ने बड़ी रिलीज ना मिलने के बावजूद हिंदी में अच्छी पैठ बनाई है.
विजय की फिल्मों को हिंदी में क्यों नहीं मिली बड़ी रिलीज?
लॉकडाउन के समय से ही साउथ की इंडस्ट्रीज का ओटीटी प्रेम, मल्टीप्लेक्स चेन्स के साथ उनके पंगे की वजह रहा है. साउथ में, खासकर तमिल फिल्म इंडस्ट्री में, मेकर्स थिएट्रिकल रिलीज के एक महीने बाद ही फिल्में ओटीटी पर रिलीज कर देते हैं. इससे उन्हें ओटीटी डील बेहतर मिलती है. लेकिन इससे थिएटर्स का माहौल बिगड़ जाता है. कोई फिल्म अगर महीने भर बाद भी चलने का दम रखती है, तो उसके दर्शक खत्म हो जाते हैं क्योंकि फिल्म तो घर में अवेलेबल है!
ओटीटी रिलीज विंडो का सारा पंगा ही विजय की फिल्म ‘मास्टर’ (2021) से शुरू हुआ था. लॉकडाउन के बाद तमिल इंडस्ट्री की पहली बड़ी फिल्म बनकर आई ‘मास्टर’ आते ही थिएटर्स में छा गई. हीरो के रोल में थलपति विजय यानी विजय जोसेफ, और विलेन के रोल में विजय सेतुपति आमने-सामने थे. ‘मास्टर’ ने पूरे लॉकडाउन बंद रहे थिएटर्स में भीड़ जुटानी शुरू की ही थी, तभी 16वें दिन मेकर्स ने इसे ओटीटी पर भी रिलीज कर दिया. थिएटर्स में फिल्म का बिजनेस बैठ गया, थिएटर मालिक खफा हो गए.
साउथ में नेशनल मल्टीप्लेक्स चेन्स की पैठ उत्तर भारत के मुकाबले कमजोर है. इसलिए वहां ये कुछ नहीं कर पाए. मगर उत्तर भारत की फिल्म मार्केट में 80% से ज्यादा रेवेन्यू के साथ इन्हीं का दबदबा है. नेशनल मल्टीप्लेक्स चेन्स ने 2022 से ही उत्तर भारत के लिए एक नियम बना लिया— थिएटर्स में उन्हीं फिल्मों को जगह मिलेगी, जो कम से कम 8 हफ्ते बाद ओटीटी पर रिलीज होंगी. इस वजह से साउथ की कई बड़ी फिल्मों के हिंदी वर्जन को उत्तर भारत में बड़ी रिलीज नहीं मिली. उत्तर भारत में धनुष या सूर्या जैसे तमिल स्टार्स से कहीं बेहतर पॉपुलैरिटी के बावजूद विजय की पिछली 4 फिल्मों को हिंदी में बड़ी रिलीज नहीं मिली— ‘बीस्ट’, ‘वारिसु’, ‘लियो’ और ‘GOAT’.
विजय की हिंदी फिल्मों ने दिखाया जोर
विजय की ‘मास्टर’ और ‘बीस्ट’ (2022) ने बहुत लिमिटेड स्क्रीन्स पर हिंदी में 2 करोड़ से कम नेट कलेक्शन किया था. मगर ‘वारिसु’ (2023) को कुछ गिने-चुने मल्टीप्लेक्स थिएटर्स ने जगह दी और इसका नेट कलेक्शन 8 करोड़ रहा. ‘लियो’ (2023) के हिंदी वर्जन को ओटीटी रिलीज विंडो वाले पंगे की वजह से उत्तर भारत में लिमिटेड रिलीज मिली. मगर लिमिटेड स्क्रीन्स से ही इसने 27 करोड़ का नेट कलेक्शन किया और हिंदी में फायदेमंद साबित हुई.
‘GOAT’ भी लिमिटेड रिलीज के साथ 16 करोड़ नेट कलेक्शन लेकर आई और कामयाब रही. सोचने वाली बात ये है कि जब लिमिटेड रिलीज के साथ विजय की फिल्मों को लिमिटेड स्क्रीन्स पर ही सक्सेस मिल रही थी, तो एक दमदार फिल्म की बड़ी रिलीज के साथ हिंदी में वो क्या कमाल करेंगे!
सुबोध मिश्रा