संजय दत्त बॉलीवुड के बढ़िया एक्टर होने के साथ-साथ विवादित पर्सनैलिटी भी रहे हैं. हाल ही में एक्टर ने एक पॉडकास्ट में उस वक्त को याद किया जब वो जेल में थे. उन्होंने बताया कि उनके परिवार ने उस समय में कितनी मुश्किलें झेली थीं. साथ ही संजय दत्त ने याद किया कि 1993 का वो दौर कितना उथल-पुथल भरा था.
परिवार को मिल रही थीं धमकियां
आर्म्स एक्ट के तहत 5 साल की सजा काटकर 2016 में रिहा हुए संजय ने The Himanshu Mehta Show पर कहा, 'मेरे पापा को धमकियां मिल रही थीं, मेरी बहनों को धमकियां मिल रही थीं. उन्होंने कहा कि मेरे पास बंदूक थी, लेकिन साबित नहीं कर पाए. मुझे आज तक नहीं पता कि आखिर मुझे अंदर किस बात के लिए डाला गया. बस इतना कह सकता हूं कि उन्हें ये समझने में 25 साल क्यों लग गए कि मैं न तो TADA एक्ट में शामिल था और न ही बम धमाकों के केस में. 25 साल बाद जाकर आर्म्स एक्ट में सजा दी, वो भी बिना बंदूक के और बिना बंदूक मिले.'
जेल जाने को लेकर क्या बोले संजय?
उस मुश्किल दौर के बावजूद संजय ने जेल के समय को नकारात्मक नहीं बनने दिया. उन्होंने कहा, 'मैंने इसे अपनी जिंदगी का हिस्सा मान लिया और सीख के रूप में लिया. वहां मैंने बहुत कुछ सीखा. देश के कानून सीखे, खुद वकील बनना और बचाव करना सीखा. कानून की ढेर सारी किताबें पढ़ीं. मैंने अपनी जेल की सजा गरिमा के साथ काटी. वहां मैंने बहुत किताबें पढ़ीं, खूब प्रार्थना की, जाप किया, ध्यान लगाया. शिव पुराण, गणेश पुराण, भगवद्गीता, रामायण, महाभारत, सब पढ़ा. जेल के उस वक्त ने मुझे अपनी धर्म और महान देवताओं को गहराई से समझने में मदद की.'
संजय दत्त को सबसे ज्यादा दुख इस बात का था कि न्याय व्यवस्था कितनी धीमी है. उन्होंने कहा कि जेल में बहुत से कैदी बिना कुछ गलत किए सिर्फ केस आगे बढ़ने का इंतजार करते-करते अपनी जिंदगी के कीमती साल गंवा देते हैं.
प्रोजेक्ट्स की बात करें तो संजय दत्त जल्द ही फिल्म 'धुरंधर' में नजर आएंगे. डायरेक्टर आदित्य धर की बनाई ये फिल्म 5 दिसंबर को रिलीज हो रही है. इस फिल्म में उनके साथ रणवीर सिंह, अक्षय खन्ना, आर माधवन, अर्जुन रामपाल और सारा अर्जुन जैसे सितारे हैं. फिल्म से दमदार होने की उम्मीद लगाई जा रही है.
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