'वो डरा हुआ था, हमने उसे बिस्किट खिलाया', जब सलमान ने बताई काले हिरण शिकार की कहानी

ये केस 1998 का है, जब सलमान अपने हम साथ साथ हैं फिल्म के को-स्टार्स के साथ शिकार पर गए थे. एक पुराने इंटरव्यू में सलमान ने बताया था कि शिकार करने का उनका मन बना कैसे था, और कैसे इस पूरे कांड की शुरुआत हुई. शौक-शौक में शुरू हुए इस किस्से की उन्हें आज भी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. 

Advertisement
सलमान खान सलमान खान

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 9:00 AM IST

बॉलीवुड एक्टर सलमान खान भले ही काला हिरण शिकार मामले में कोर्ट से बाइज्जत बरी हो चुके हैं. लेकिन बिश्नोई समाज आज भी उनसे माफी की उम्मीद करता है. इसी वजह से गैगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से उन्हें लगातार जान से मारने की धमकी मिलती है. 

ये केस 1998 का है, जब सलमान अपने हम साथ साथ हैं फिल्म के को-स्टार्स के साथ शिकार पर गए थे. एक पुराने इंटरव्यू में सलमान ने बताया था कि शिकार करने का उनका मन बना कैसे था, और कैसे इस पूरे कांड की शुरुआत हुई. शौक-शौक में शुरू हुए इस किस्से की उन्हें आज भी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. 

Advertisement

डरा हुआ मिला काला हिरण

2009 में एनडीटीवी से बातचीत में सलमान ने खुद बताया था कि वो कब कहां और कैसे शिकार पर गए थे. कैसे उन्हें एक डरा हुआ हिरण मिला था और वो उसे बिस्किट खिला रहे थे. सलमान बोले- मुझे लगता है कि ये यहीं से आया है. एक दिन पैक-अप के बाद, हम सभी गाड़ी चला रहे थे, हम सब... सैफ थे, तब्बू, नीलम, अमृता थीं, सोनाली थीं, और हमने एक झाड़ी में फंसे हिरण के बच्चे को देखा.

पूरा झुंड वहां था, इसलिए मैंने कार रोकी और वो डर गया. हमने उसे वहां से बाहर निकाला और उसे थोड़ा पानी पिलाया. वो डरा हुआ था. थोड़ी देर बाद, उसने मस्त बिस्किट-विस्किट खाया, और वो भाग गया. हमने उस दिन जल्द ही सामान समेट लिया था. हम सब एक साथ जा रहे थे. मुझे लगता है कि वहीं से ये सब शुरू हुआ.

Advertisement

नहीं थी सलमान की गलती

एक और वायरल इंटरव्यू में सलमान ने कहा था उन्होंने ब्लैक बक को नहीं मारा था, वो गलती किसी और की थी. सलमान ने कहा था कि ये लंबी कहानी है. असल में वो मैं नहीं जिसने काले हिरण को मारा था. कोई मतलब नहीं है. ये हंटिंग करता है, ये बदतमीजी करता है... इसी ने इसको मारा है. अरे, आपको उस सच का एक परसेंट भी नहीं पता. सिर्फ इसलिए कि मैं दुनिया को कुछ कह नहीं सकता इसका मतलब ये नहीं कि मैं ही गलत हूं. मैं चुप रहना सही समझा है.

कभी कभी ऐसा होता है कि आप कुछ कह नहीं सकते हो. हर किसी की अपनी इज्जत है, डिग्निटी है, अपनी-अपनी प्रोयोरिटी है. ये इंडस्ट्री है, आपके पास इतना हक नहीं होता कि कुछ भी कह दो. आपका कुछ ना कहना ही बेहतर होता है. मैं वो कह सकता हूं जो मैं फील करता हूं. लेकिन अगर उसमें किसी और का नाम शामिल है तो मैं नहीं बात कर सकता उस बारे में. मैं कर्म में विश्वास रखता हूं. कुछ भी गलत होता है तो उसका खामियाजा मुझे अगले दिन ही भुगतना पड़ता है. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement