शख्स ने कहा 'मिमी में सरोगेसी की गलत कहानी', सबा अली खान ने किया फिल्म का सपोर्ट!

सबा ने एक IVF डॉक्टर के वीड‍ियो को शेयर किया है जिनका कहना है कि मिमी फिल्म में सरोगेसी कॉन्सेप्ट को गलत तरीके से पेश किया गया है. सबा ने दो रिएक्शन पोस्ट शेयर किए हैं. उन्होंने लिखा 'कहा जाता है कि ये नियम (सरोगेसी के नियम) 2015 में जारी हुए थे...और फिल्म की शुरुआत में बताया गया है कि ये 2013 की कहानी है.

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सबा अली खान सबा अली खान

aajtak.in

  • नई द‍िल्ली ,
  • 12 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 8:37 AM IST
  • सरोगेसी कॉन्सेप्ट पर बनी है मिमी
  • सबा ने किया सरोगेसी वीड‍िया पर रिएक्ट
  • किया मिमी के मेकर्स का सपोर्ट

सैफ अली खान की बहन सबा अली खान (पटौदी) इन दिनों सोशल मीड‍िया पर काफी एक्ट‍िव हैं. भतीजी सारा अली खान की तस्वीरों को शेयर करने से लेकर भाभी करीना कपूर को सपोर्ट करने तक, सबा कई बार खबरों में बनी रहीं. अब सबा ने कृति सेनन की फिल्म मिमी में दिखाए गए सरोगेसी टॉप‍िक पर अपनी राय साझा की है. 

क्या हैं भारत में सरोगेसी के नियम?
 
सबा ने एक IVF डॉक्टर के वीड‍ियो को शेयर किया है जिनका कहना है कि मिमी फिल्म में सरोगेसी कॉन्सेप्ट को गलत तरीके से पेश किया गया है. शख्स का कहना है कि नवंबर 2015 में भारत सरकार ने फॉरेन सरोगेसी पर बैन लगा दिया था, यान‍ि विदेशी कपल भारत में सरोगेट मदर नहीं ढूंढ सकते. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि प्रेग्नेंसी के शुरुआती चरण यानी 3 महीने के बाद पेट में पल रहे बच्चे के डाउन सिंड्रोम का टेस्ट किया जाता है ताकि हल निकाला जा सके. शख्स की इन बातों पर सबा ने अपना रिएक्शन दिया है. 

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सबा ने किया मिमी के मेकर्स का सपोर्ट?  

सबा ने इस वीड‍ियो के बाद दो रिएक्शन पोस्ट अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर किए हैं. उन्होंने लिखा 'कहा जाता है कि ये नियम (सरोगेसी के नियम) 2015 में जारी हुए थे...और फिल्म की शुरुआत में बताया गया है कि ये 2013 की कहानी है....मैं भी पक्की नहीं हूं कि वो (IVF डॉक्टर) सही हैं या फिर हो सकता है ऐसा पहले होता था...इस वजह से बाद में नियम बनाए गए हों.'   

सबा अली खान इंस्टा स्टोरी
सबा अली खान इंस्टा स्टोरी

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आगे सबा लिखती हैं 'पर फिल्म में ये साफ कहा गया है कि ये उस वक्त की कहानी है जब ये नियम थे ही नहीं....ये असली अनुभवों पर आधार‍ित है और इसल‍िए ये नियम आए क्योंक‍ि लोग अजन्मे बच्चे में किसी दिक्कत की जानकारी पाकर उसे अपनाने से पीछे हट जाते थे.'

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