Puspha 2 First Review: फायर है 'पुष्पा', क्लाइमेक्स में अल्लू अर्जुन ने उड़ाए होश, कहां रही कमी?

अल्लू अर्जुन, रश्मिका मंदाना और फहाद फाजिल स्टारर मूवी पुष्पा 2 रिलीज हो चुकी है. इस बार पुष्पा के तेवर और गरम हो गए हैं. अल्लू अर्जुन ने पुष्पराज के रोल में जनता को एक और तगड़ा मास हीरो दिया है. मूवी में उनकी रश्मिका संग जोड़ी फायर लगी है. जानते हैं कैसी बनी है फिल्म.

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रश्मिका मंदाना-अल्लू अर्जुन रश्मिका मंदाना-अल्लू अर्जुन

सुबोध मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:46 PM IST

साउथ के पावर स्टार अल्लू अर्जुन की 'पुष्पा- द रूल' ने रिलीज के साथ ही भौकाल मचा दिया है. ऐसा लगता है मानो हर पूरा देश 'पुष्पामय' हो गया है. सोशल मीडिया पर पुष्पा का ही शोर है. सेकंड पार्ट में पुष्पा पहले से ज्यादा पावरफुल और वाइल्ड हो गया है. अगर आप भी पुष्पा के लिए टिकट बुक करने वाले हैं. इससे पहले पढ़ें हमारा ये रिव्यू...

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धमाकेदार है फर्स्ट हाफ

पुष्पा 2’ मास सिनेमा की वो धमाकेदार पार्टी है जिसका इंतजार जनता सांस थामे कर रही थी. अल्लू अर्जुन ने पुष्पराज के रोल में जनता को एक और तगड़ा मास हीरो दिया है, जो सीधा रॉकी भाई (KGF 2) जैसे हीरोज की लीग में है. फर्स्ट हाफ में फ़िल्म का माहौल पूरा सेट किया गया है. पुष्पराज का एम्बिशन फर्स्ट हाफ को चलाने वाला ईंधन है, लेकिन इंजन है श्रीवल्ली के साथ उसका रिश्ता. अल्लू अर्जुन के साथ रश्मिका मंदाना की केमिस्ट्री और उनकी परफॉरमेंस पूरी तरह मैच करती है. फहाद फाजिल पूरी तरह उस विलेन के रोल में जमते हैं, जो पुष्पराज के सामने खड़ा हो सकता है. फिल्म की हिंदी डबिंग में दिक्कतें हैं, खासकर गाने बर्दाश्त करना भारी लगता है. लेकिन ये समस्या झेलने के बाद, ‘पुष्पा 2’ एक विनर लगती है. फर्स्ट हाफ की पेस भी अच्छी है और कहानी खिंचती नहीं लगती. 

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सेकंड हाफ में स्लो हुई कहानी, लेकिन...

‘पुष्पा 2’ का सेकंड हाफ उसी एनर्जी के साथ शुरू होता है, जहां इंटरवल हुआ था. मगर जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, फिल्म की पेस स्लो होती जाती है. स्टोरी में एक नया विलेन भी आता है, लेकिन ‘पुष्पा 2’ में विलेन्स का ट्रीटमेंट दमदार ना होना एक बड़ी दिक्कत है. फहाद फाजिल के किरदार का आर्क भी बहुत तेजी से नीचे की तरफ चला जाता है. क्लाइमेक्स की तरफ बढ़ती हुई फिल्म खिंची हुई लगने लगती है. क्लाइमेक्स फाइट में कुछेक चीजें टिपिकल तेलुगू सिनेमा स्टाइल में थोड़ी अविश्वसनीय सी लगती हैं. लेकिन फाइनल फाइट में अल्लू अर्जुन की परफॉर्मेंस रोंगटे खड़े कर देने वाली है.

मास एंटरटेनर है 'पुष्पा'

डायरेक्टर सुकुमार पुष्पराज की कहानी को आगे भी खींचने के लालच से नहीं बच सके. ‘पुष्पा 3’ की प्लानिंग करने में सेकंड हाफ और ज्यादा स्लो लगने लगता है. कुछेक सीन्स बस फिल्म की लंबाई बढ़ाते हुए लगते हैं, वो ध्यान नहीं बांध पाते. हालांकि, एक कंप्लीट फिल्म के तौर पर ‘पुष्पा 2’ मास एंटरटेनमेंट के उस प्रॉमिस पर पूरी तरह डिलीवर करती है, जो ट्रेलर या प्रमोशन्स में किया गया.

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