एनसीबी ने रविवार को ड्रग्स मामले में धर्मा प्रोडक्शन के पूर्व एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर क्षितिज प्रसाद को कस्टडी में ले लिया है. उनके वकील सतीश मानशिंदे ने दावा किया है कि एनसीबी ने पूछताछ के दौरान क्षितिज पर करण जौहर का नाम लेने का दबाव बनाया था. बता दें इस वक्त करण जौहर की एक पार्टी का जिक्र भी आ गया है जिसे लेकर इस बात का दावा किया जा रहा है कि पार्टी के दौरान स्टार्स द्वारा ड्रग्स का सेवन किया गया था. एनसीबी की नजर इस पार्टी पर है. इससे पहले जान लें कि एनसीबी कस्टडी में मौजूद क्षितिज प्रसाद को एजेंसी रूटीन मेडिकल टेस्ट के लिए लेकर गई है.
मामले में करण जौहर का नाम आने पर क्षितिज के वकील ने उनके साथ एनसीबी के दुर्व्यवहार का ब्यौरा सुनाया है. उन्होंने एनसीबी पर कई आरोप भी लगाए हैं. उन्होंने बताया कि क्षितिज रविवार को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे, जहां उन्हें 3 अक्टूबर तक पुलिस कस्टडी में रखने का फैसला सुनाया गया. क्षितिज के वकील ने कहा कि मजिस्ट्रेट के सामने पेशी से पहले क्षितिज को प्रताड़ित और ब्लैकमेल किया गया. इसके अलावा क्षितिज के साथ थर्ड डिग्री ट्रीटमेंट और दुर्व्यवहार भी किया गया था. वकील के मुताबिक कोर्ट के सामने क्षितिज ने कहा कि उन्हें 24 सितंबर 2020 को एनसीबी की ओर से कॉल आई थी जब वह दिल्ली में थे. एनसीबी ने उन्हें बताया कि वे क्षितिज का बयान दर्ज करेंगे और उनके घर की तलाशी लेंगे जिसे उन्होंने तब तक सील कर लिया था. 25 सितंबर को क्षितिज मुंबई आए और सुबह 9 बजे के करीब एनसीबी की मौजूदगी में अपने घर के अंदर एंटर किया. एनसीबी को क्षितिज के घर से कुछ नहीं मिला सिवाय बालकनी में सिगरेट के टुकड़े के.
एनसीबी ने सिगरेट के टुकड़े को गांजा ज्वाइंट बताकर लिखा पंचनामा
वकील ने आगे बताया- 'एनसीबी टीम बार-बार सिगरेट के टुकड़े को गांजा ज्वाइंट बता रही थी जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था और क्षितिज के विरोध करने के बावजूद पंचनामा बना दिया. बाद में क्षितिज की पत्नी के कहने पर पंचनामा में गांजा ज्वाइंट के लिए 'माना जा रहा है' शब्द का इस्तेमाल किया गया. इसके बाद क्षितिज को उनके दो दोस्त ईशा और अनुभव के साथ लगभग साढ़े 11 बजे एनसीबी ऑफिस लेकर गए'.
सतीश मानशिंदे ने बताया कि क्षितिज को साढ़े 11 बजे से साढ़े 6 बजे तक एनसीबी ऑफिस में बैठाकर रखा गया जबकि उनके दोनों दोस्तों से पूछताछ की जा रही थी. उनके दोस्तों ने बताया एनसीबी ने उन्हें कहा कि अगर वे क्षितिज के खिलाफ बोलेंगे तो वे उन्हें जाने देंगे और ऐसा हुआ भी.
6:45 बजे क्षितिज की पूछताछ शुरू हुई. पूछताछ के दौरान एनसीबी ऑफिसर्स संकेत नाम के एक व्यक्ति को अंदर लाए उनसे पूछा कि क्या वह क्षितिज को जानता है. संकेत ने क्षितिज को पहचानने से मना कर दिया. इसके बाद क्षितिज को एनसीबी ऑफिसर समीर वानखेड़े द्वारा कमरे से बाहर जाने को कहा गया, जब वह 5 मिनट बाद वापस आया तो संकेत ने क्षितिज को पहचानने की बात कबूल की. सच तो यह है कि क्षितिज, संकेत से कभी मिला ही नहीं है और ना ही उसे जानता है.
क्षितिज के वकील ने एनसीबी ऑफिसर्स पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने उनके क्लाइंट के विरोध के बावजूद उनपर गलत इल्जाम लगाए हैं. क्षितिज के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. उसे अपने वकील से बात करने की भी इजाजत नहीं दी गई. उस दिन क्षितिज को एनसीबी ऑफिस में ही रोक लिया गया.
क्षितिज पर बनाया गया करण जौहर के खिलाफ बोलने का दबाव
दूसरे दिन समीर वानखेड़े ने दूसरे ऑफिसर्स की मौजूदगी में क्षितिज से कहा कि चूंकि वह धर्मा प्रोडक्शंस से जुड़ा हुआ था इसलिए अगर वह करण जौहर, सोमेल मिश्रा, राखी, अपूर्वा, नीरज या राहिल के ड्रग्स लेने को लेकर झूठ कहेगा तो उसे जाने दिया जाएगा. क्षितिज ने ऐसा करने से मना कर दिया. ऐसा करने पर एनसीबी ने सहयोग नहीं देने के लिए क्षितिज को जमीन पर बैठाया और क्षितिज के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया.
48 घंटे के इस टॉर्चर के बाद क्षितिज बहुत थक गया था. अपने वकील या परिवार से बात करने के आग्रह पर भी एनसीबी ने क्षितिज की एक नहीं सुनी. 50 घंटों तक लगातार ऐसे टॉर्चर करने के बाद क्षितिज किसी से बात करने की स्थिति में नहीं है. दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने क्षितिज को 3 अक्टूबर तक एनसीबी कस्टडी में रखने का फैसला सुनाया है.
मुनीष पांडे