एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करना, खासकर सिल्वर स्क्रीन और डेली सोप में, एक थकाऊ काम है. कई मौकों पर टीवी एक्टर्स ने अपने कठिन शेड्यूल के बारे में बात की है, इनमें उन्हें समयसीमा पूरी करने के लिए बहुत कुछ सहना पड़ा. हाल ही में एक्टर हितेन तेजवानी ऐसा ही किया. अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में तेजवानी ने स्वीकार किया कि उन्होंने पिछले 25 सालों में खुद को पूरी तरह से काम में झोंक दिया और एक टेलीविजन एक्टर की यात्रा बहुत मुश्किल होती है. हालांकि उन्होंने कहा कि यह फलदायी रहा है, जैसा कि उनकी लंबी उपस्थिति साबित करती है.
इंडस्ट्री में 25 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए हितेन तेजवानी, सिद्धार्थ कन्नन के पॉडकास्ट पर बात की. उन्होंने अपने शुरुआती दिनों, अपनी आर्थिक और पेशेवर उन्नति और शेड्यूल के साथ तालमेल बिठाने में आसपास के लोगों के लिए आई मुश्किलों के बारे में बात की. एक्टर ने कहा, 'मैंने इस इंडस्ट्री में 25 सालों में बहुत मेहनत की है. जब मैंने काम शुरू किया, तो मैं सिर्फ फ्रेश होने के लिए घर जाता था. मैंने कई ड्राइवर रखे, और वे सब मेरे काम के घंटों को संभाल नहीं पाए और भाग गए. मैं खुद गाड़ी चलाता था और मुझे बार-बार ड्राइविंग के दौरान नींद आ जाती थी. एक दिन तो मैंने गाड़ी डिवाइडर से टकरा दी, लेकिन भगवान की कृपा से कुछ नहीं हुआ.'
22 घंटे काम करते थे हितेन
उन्होंने आगे बताया कि कई सालों तक उनकी एक्टिंग फीस में बदलाव नहीं हुआ था. हितेन ने कहा, 'मुझे सुकन्या शो के लिए एक दिन में 1000 रुपये मिलते थे और हम महीने में 12 दिन शूटिंग करते थे. इसी तरह जब मैंने कुटुंब में काम किया, तब भी मैंने ज्यादा फीस की मांग नहीं की. भले ही मैं लीड एक्टर था, मेरी फीस में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई.' हालांकि हितेन तेजवानी ने उस पहले बड़े चेक को याद किया, जो उन्हें एक महीने तक लगातार डबल शिफ्ट करने के बाद मिला था.
उन्होंने कहा, '30 दिनों तक मैंने 30 एक्स्ट्रा शिफ्ट कीं, और मुझे याद है कि मैं खुद वह चेक लेने गया था. चेक 1 लाख रुपये का था और इससे मुझे बहुत खुशी हुई. मैंने सोचा कि अगर मैं एक पारंपरिक नौकरी की ओर गया होता, तो मेरे घंटे आसान होते, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि मुझे इतने पैसों तक पहुंचने में कितना समय लगता.' लेकिन एक्टर ने स्वीकार किया कि भले ही पेमेंट अच्छी थी, घंटे बेहद अप्रत्याशित थे और चीजें कभी समय पर नहीं चलती थीं.
टीवी में डबल शिफ्ट के काम को समझाते हुए हितेन टेजवानी ने बताया, 'हमारा शेड्यूल हमेशा सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक होता था. लेकिन यह हमेशा सुबह 5 बजे तक चला जाता था और फिर अगली शिफ्ट कभी-कभी सुबह 7 बजे शुरू हो जाती थी. इस तरह मैं 22 घंटे काम करता था. कुछ क्रू मेंबर्स जानबूझकर लाइट्स हटा देते थे ताकि मुझे थोड़ी नींद मिल सके, और मैं सेट के फर्श पर ही सो जाता था.'
दीपिका की 8 घंटे की मांग पर बोले हितेन
अपने संघर्ष की कहानी बताने के बाद हितेन तेजवानी से दीपिका पादुकोण के 'स्पिरिट' और 'कल्कि 2898 एडी' के सीक्वल जैसी फिल्मों से बाहर होने के बारे में पूछा गया. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि दीपिका का 8 घंटे की शिफ्ट की मांग करना सही था, तो उन्होंने जवाब दिया, 'अब आप लगातार काम नहीं कर सकते. आजकल जो कैमरे उपलब्ध हैं, वे सब कुछ पकड़ लेते हैं, और अगर कोई अच्छी तरह से आराम नहीं करता, तो यह स्क्रीन पर दिखाई देगा. मुझे लगता है कि काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बहुत जरूरी है. वह एक मां हैं, और यह अच्छा है कि वह अपने काम के शेड्यूल को लेकर क्लियर हैं. कुछ लोग कॉन्ट्रैक्ट साइन करते समय हां कह देते हैं, और बाद में सेट पर समस्याएं पैदा करते हैं.'
इससे पहले एक जाने माने टीवी एक्टर ने टेलीविजन इंडस्ट्री के कठिन शेड्यूल के बारे में खुलकर बात की थी. उन्होंने कहा था, 'मैं लगातार 72 घंटे तक बिना ब्रेक के शूटिंग करता था. 30 दिन के शेड्यूल के बाद मुझे 45 दिनों की पेमेंट मिलती थी. ऐसा इसलिए क्योंकि मेरी पहली शिफ्ट सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक होती थी, और दूसरी शिफ्ट शाम 7 बजे से सुबह 2 बजे तक होती थी.'
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