रणवीर सिंह की ‘धुरंधर’ का शुक्रवार से थिएटर्स में तीसरा हफ्ता शुरू हो गया है. और ‘धुरंधर’ ने शुरुआत ही धमाकेदार अंदाज़ में की है. शुक्रवार को फिल्म के 15 दिन पूरे हुए, और ‘धुरंधर’ ने 500 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. थिएटर्स में अपना तीसरा शुक्रवार देखने वाली किसी भी हिंदी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर इतना कलेक्शन नहीं किया है, जितना कल ‘धुरंधर’ ने कर डाला.
‘धुरंधर’ का धमाकेदार तीसरा शुक्रवार
गुरुवार को ‘धुरंधर’ ने 25.30 करोड़ का कलेक्शन किया और कुल 479.50 करोड़ कलेक्शन के साथ दूसरा हफ्ता खत्म किया था. तीसरे शुक्रवार को भी ये फिल्म स्लो होने के मूड में नहीं नज़र आई. सुबह से ही शोज़ ठीक-ठाक ऑक्यूपेंसी में रहे और शाम से फिर खूब भीड़ जुटी.
नतीजा— ट्रेड रिपोर्ट्स का शुरुआती अनुमान है कि ‘धुरंधर’ ने अपने तीसरे शुक्रवार को 22–23 करोड़ का नेट कलेक्शन किया है. ये तीसरे शुक्रवार को हिंदी फिल्मों के इतिहास में सबसे ज़्यादा कमाई का रिकॉर्ड है. इससे पहले, विक्की कौशल की ‘छावा’ ने तीसरे शुक्रवार को 13.30 करोड़ कलेक्शन से ये रिकॉर्ड बनाया था. पर ‘धुरंधर’ इससे कहीं आगे निकल गई है. और अब 15 दिनों में ‘धुरंधर’ का नेट कलेक्शन 500 करोड़ का जादुई आंकड़ा पार कर गया है.
सबसे तेज़ 500 करोड़ कमाने वाली हिंदी फिल्में
हिंदी फिल्मों के इतिहास में 500 करोड़ क्लब में सबसे तेज़ एंट्री ‘पुष्पा 2’ है. अल्लू अर्जुन की फिल्म ने 10 दिनों में ये कमाल किया था. शाहरुख खान की ‘जवान’ को 500 करोड़ कलेक्शन करने में 13 दिन लगे थे. बाकी सारी फिल्मों को 500 करोड़ कलेक्शन में 15 दिन से ज़्यादा वक्त लगा था. ‘जवान’ के सबसे क़रीब रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ थी, जिसे 16 दिन लगे थे.
अब 15 दिनों में 500 करोड़ क्लब में पहुंची ‘धुरंधर’ तीसरी सबसे तेज़ एंट्री है. ‘एनिमल’, ‘स्त्री 2’, ‘पठान’, ‘छावा’, ‘गदर 2’ और ‘बाहुबली 2’ सब ‘धुरंधर’ से पीछे हैं. ये नाम अपने-आप में इस बात का सबूत हैं कि 'धुरंधर' थिएटर्स में कितनी पावरफुल बन चुकी है. अब ये सिर्फ 2025 की ही नहीं, हिंदी और बॉलीवुड इंडस्ट्री की सबसे बड़ी फिल्म बनने की रेस में शामिल हो चुकी है.
शनिवार-रविवार सामने खड़े हैं. ‘धुरंधर’ का क्रेज़ जनता के सिर चढ़कर बोल रहा है. ट्रेड एक्सपर्ट्स रिकॉर्ड्स वाला रजिस्टर और क़लम लिए तैयार बैठे हैं. और थिएटर्स फिर से तैयार हैं. देखना है कि इस वीकेंड ‘धुरंधर’ के धमाके में कौन से नए रिकॉर्ड तबाह होते हैं.
सुबोध मिश्रा