स्टार किड्स को झेलनी पड़ती है जिल्लत, अनन्या पांडे को आया गुस्सा, बोलीं- मुझे किसी का...

बीते कुछ सालों में अनन्या ने हर साल 1-2 फिल्में तो की ही हैं. इसमें 'ड्रीम गर्ल 2', 'गहराइयां' और 'कॉल मी बे' के साथ 'CTRL' भी शामिल है. पर अगर दूसरी ओर देखा जाए तो अनन्या कई बार स्टार किड्स के नाम पर ट्रोल्स के निशाने पर भी रही हैं.

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अनन्या पांडे अनन्या पांडे

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST

बॉलीवुड एक्ट्रेस अनन्या पांडे हिंदी सिनेमा में अच्छा काम कर रही हैं. चंकी पांडे की बेटी ने जो ऊंचाइयां छुई हैं, उसकी वो हकदार रही हैं. साल 2019 में अनन्या ने 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2' से डेब्यू किया था. इस फिल्म के लिए इन्हें बेस्ट फीमेल डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला. फिल्म में अनन्या की जोड़ी टाइगर श्रॉफ और तारा सुतारिया के साथ बनी थी. 

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अनन्या का कैसा रहा सफर?
इसके बाद अनन्या, भूमि पेडनेकर और कार्तिक आर्यन के साथ फिल्म 'पति पत्नी और वो' में नजर आईं. अपने ग्लैमरस अंदाज से इन्होंने दर्शकों का दिल जीता. बीते कुछ सालों में अनन्या ने हर साल 1-2 फिल्में तो की ही हैं. इसमें 'ड्रीम गर्ल 2', 'गहराइयां' और 'कॉल मी बे' के साथ 'CTRL' भी शामिल है. पर अगर दूसरी ओर देखा जाए तो अनन्या कई बार स्टार किड्स के नाम पर ट्रोल्स के निशाने पर भी रही हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में अनन्या ने इसपर रिएक्ट किया. 

अनन्या पर नेपोटिज्म का भी इल्जाम लगा. चंकी पांडे की बेटी को इस तरह आसानी से फिल्मों में काम मिल गया, ये तक कुछ स्टार्स ने उनके लिए कहा. हाल ही में अनन्या ने कहा कि कुछ लोग 'स्टार किड' का टर्म एक बेइज्जती की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं जो कि सही नहीं. मेरे पिता डॉक्टर्स के खानदान से आते हैं. वो एक्टर बनना चाहते थे और उन्होंने अपने लिए खुद ही रास्ता बनाया. 

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'स्टार किड' टैग से चिड़ीं अनन्या
"मुझे नहीं लगता कि हमें स्टार किड्स वर्ड को गलत नजरिए से देखना चाहिए. आप जब भी स्क्रीन पर कुछ देख रहे होते हैं तो कहते हैं कि अरे, ये इसकी बेटी है. ऐसा नहीं करना चाहिए. लोगों को सोचना चाहिए, लेकिन मुझे अब इन ट्रोल्स से फर्क नहींपड़ता. लोगों को जो सोचना है सोचते रहें. मुझे इंडस्ट्री और ऑडियन्स ने काफी कुछ दिया है."

"हमारी फिल्म इंडस्ट्री इनसाइडर्स और आउटसाइडर्स के नाम पर बंट चुकी है. फिल्मी बैकग्राउंड से ताल्लुक रखने वाले अगर आगे बढ़ रहे हैं तो वो भी तो आगे बढ़ रहे हैं जिनका थोड़ा भी इंडस्ट्री से ताल्लुक है. शाहरुख खान भी तो आउटसाइड थे, पर वो सक्सेसफुल रहे. मुझे लगता है कि इंडस्ट्री में हर इंसान की जर्नी अलग होती है."

"मुझे लगता है कि जो आउटसाइडर्स होते हैं, उन्हें न तो कोई टैग मिलता है और ही जिल्लत झेलनी पड़ती है. वहीं इनसाइडर्स को ये सबकुछ बहुत झेलना पड़ता है. इंडस्ट्री या फिल्मी परिवार में पैदा हुए, इसके लिए लोग खरी-खोटी हमें सुनाते हैं. मुझे नहीं लगता कि स्टार किड को इनसल्ट की तरह देखा जाना चाहिए. ये सही नहीं है."

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