इमरजेंसी, 84 के सिख दंगे, कारगिल युद्ध, लाल सिंह चड्ढा में दिखेंगी 11 ऐतिहासिक घटनाएं

आमिर खान स्टारर फिल्म लाल सिंह चड्ढा का इंतजार फाइनली खत्म हुआ. फिल्म को पब्लिक ने अच्छा बताया है. आमिर की ये फिल्म हॉलीवुड मूवी फॉरेेस्ट गंप की हिंदी रीमेक है. आमिर खान की फिल्म में भी देश की कई ऐतिहासिक घटनाओं को दिखाया गया है. जानते हैं उनके बारे में.

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करीना कपूर-आमिर खान करीना कपूर-आमिर खान

केतन मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 3:21 PM IST

ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित फ़िल्मों का अलग ही रस होता है. मज़े की बात है कि ये रिचर्ड निक्सन के इस्तीफ़े की बरसी वाला हफ़्ता चल रहा है और उनके इस्तीफ़े की एक बड़ी वजह बनने वाले टीवी इंटरव्यू पर एक शानदार फ़िल्म - फ़्रॉस्ट निक्सन बनी है जो ज़रूर देखी जानी चाहिये. इस तरह से भतेरी फ़िल्में हैं जिन्होंने ख़ासा इम्पैक्ट छोड़ा है. लेकिन भारतीय फ़िल्मों में कमोबेश यही देखा गया है कि फ़िल्म बनाने वाले भद्रजन ऐतिहासिक घटनाओं से बचते आये हैं. इस मामले में हालिया फ़िल्मों में महज़ अनुराग कश्यप की ब्लैक फ़्राइडे याद आती है. उस फ़िल्म का जो हश्र हुआ, वो यही संकेत देता है कि असल नामों, घटनाओं का ज़िक्र जितना कम हो, फ़िल्म उतनी सेफ़ रहती है. लेकिन आमिर खान की नयी-नवेली फ़िल्म लाल सिंह चड्ढा ऐसा नहीं मानती है. और ये देखना बहुत ही सुखद है.

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लाल सिंह चड्ढा में भारत में हुई तमाम घटनाओं का न केवल ज़िक्र आता है बल्कि उनकी असल फुटेज दिखती है और असली नाम इस्तेमाल किये गए हैं. फ़िल्म की टाइमलाइन इन्हीं घटनाओं की सीढ़ी पर आगे चलती जाती है और आप एक के बाद एक आ रहे रेफ़रेंस से समझते जाते हैं कि किरदार किस समय में चल रहे थे. 

लाल सिंह चड्ढा फ़िल्म में ऐसी जो घटनाएं दिखायी गयी हैं, वो ये हैं:

1. इमरजेंसी: इमरजेंसी का ज़िक्र जिस समय पर आता है, लाल सिंह अपने बाल्यकाल में होता है. वो चलना सीख रहा होता है और उसे रेडियो पर इमरजेंसी के ख़तम होने की घोषणा सुनाई देती है.

2. ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार: लाल अपनी मां के साथ अपनी मौसी के यहां गया होता है. वहीं उसे धमाके और गोलियां चलने की आवाज़ आती है. उस वक़्त उसे हिदायत मिलती है कि इस माहौल में घर से बाहर नहीं निकलना है. ये हिदायत वो ज़िन्दगी भर अपने साथ रखता है.

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3. भारत की पहली वर्ल्ड कप जीत: पहला मौका, जब लाल अपनी दोस्त रूपा से 'व्याह' करने के बारे में बात करता है.

4. इंदिरा गांधी की हत्या: लाल सिंह अपनी मां और मौसी के साथ दिल्ली में था. जब उससे कुछ ही दूर प्रधानमंत्री आवाज़ में गोलियां चलने की आवाज़ आयी.

5. 84 के सिख दंगे: लाल वापस करौली जाने को था. रास्ते में उसका और उसकी मां का दंगाइयों से सामना होता है.

6. रथ यात्रा: इस फ़िल्म में लाल कृष्ण आडवाणी भी दिखते हैं. उनका नाम भी आता है.

7. मंडल कमीशन का असर: लाल सिंह चड्ढा दिल्ली में अपनी पढ़ाई कर रहा होता है. यहां उसका कॉलेज बंद हो जाता है क्यूंकि मंडल कमीशन का विरोध चल रहा था.

8. बाबरी मस्ज़िद विध्वंस: इस वाकये की भी फुटेज दिखती है. एक बार फिर, लाल को हिदायत मिलती है कि वो अपने कमरे से बाहर न निकले.

9. बॉम्बे सीरियल ब्लास्ट: लाल सिंह चड्ढा को उसकी मम्मी फिर से फ़ोन पर कमरे से बाहर न निकलने को कहती हैं.

10. कारगिल युद्ध: लाल सिंह चड्ढा अब फ़ौजी बन चुका था. वो कारगिल की लड़ाई में जाने वाली पहली टुकड़ी का हिस्सा था.

11. 26/11 हमला: आग की लपटों से घिरा होटल ताज दिखता है और पूरी स्क्रीन पर अजमल कसाब की तस्वीर दिखती है.

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इसके अलावा फ़िल्म में लगातार फ़िल्मी गाने चलते हैं जो टाइमलाइन को स्थापित कर रहे होते हैं. फ़िल्म तुम बिन के 'थोड़ा दारू विच प्यार मिला दे...' से लेकर रंग दे बसन्ती के 'इक ओंकार...' तक गाने सुनाई देते हैं. इसके साथ ही शाहरुख़ ख़ान की फ़िल्मों के कई गाने दिखते हैं. शाहरुख़ का इस फ़िल्म से बड़ा मज़ेदार कनेक्शन है. 


 

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