नगालैंड: जहां सरकार में आकर मिल गया विपक्ष, जानिए उस राज्य का चुनावी समीकरण

नगालैंड में चुनावों का ऐलान हो चुका है. इस राज्य में बीजेपी और एनडीपीपी को फिर सत्ता वापसी की उम्मीद है. दूसरी तरफ एनपीएफ भी खड़ी है जो फिर जमीन पर अपना संगठन मजबूत करना चाहती है. इस समय राज्य में सभी विधायक सत्तापक्ष में जा चुके हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST

नगालैंड में चुनावी बिगुल बज चुका है. 27 फरवरी को वोटिंग होने जा रही है और दो मार्च को नतीजे आएंगे. इस समय नगालैंड में जिस प्रकार की राजनीति चल रही है, वो पहले कभी नहीं देखी गई. किसी भी लोकतंत्र में पक्ष-विपक्ष दोनों अहमयित रखते हैं, लेकिन नगालैंड में इस समय ऐसा नहीं है. यहां कोई विपक्ष नहीं है. सभी हाथ मिला चुके हैं और साथ में सरकार के साथ जुड़े हैं. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीपीपी और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. एनडीपीपी ने 17 सीटें जीती थीं तो बीजेपी के खाते में 12 सीटें गई थीं.

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लेकिन इस राज्य की एक पार्टी एनपीएफ भी रही जिसने राज्य में 27 सीटों पर जीत दर्ज की, यानी कि सबसे ज्यादा. चुनावी नतीजों के बाद सरकार जरूर बीजेपी और एनडीपीपी ने मिलकर बनाई, लेकिन कुछ समय बाद ही एनपीएफ के ज्यादातर विधायकों ने NDPP का दामन थाम लिया. वहीं बाद में NPF के जो चार विधायक बचे थे, उन्होंने भी सरकार का ही समर्थन कर दिया. ऐसे में राज्य में सभी 60 विधायक सत्तापक्ष के हो गए. 

अब वर्तमान में बीजेपी एक बार फिर एनडीपीपी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतर सकती है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा तो 20:40 वाला फॉर्मूला भी दे चुके हैं. यानी कि 20 सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ेगी और 40 सीटों पर एनडीपीपी. अब ये डील फाइनल होती है या नहीं, आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा. वैसे एनडीपीपी इस राज्य की सबसे पुरानी पार्टी है, इस बार वो अकेले भी चुनावी मैदान में उतर सकती है. जब से बीजेपी की तरफ से सीट शेयरिंग वाला फॉर्मूला दिया गया है, एनडीपीपी के कई नेता इससे खुश नहीं है. इसी वजह से कहा जा रहा है कि पार्टी अकेले भी चुनाव लड़ने में सक्षम है. 

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