मोदी से मुकाबले के लिए फाइनल तैयारी, दिल्ली में जुटेगा विपक्ष

इससे पहले विपक्षी दलों की 13 फरवरी को हुई थी, जिसमें न्यूनतम साझा कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा गया था. अब फिर से हो रही इस मीटिंग में प्रस्ताव को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है.

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विपक्षी नेता (फोटो-PTI) विपक्षी नेता (फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 7:38 AM IST

लोकसभा चुनाव बेहद नजदीक है. तमाम राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में लग गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह जहां जमकर रैलियां कर रहे हैं, वहीं अब मोदी विरोधी विपक्षियों का खेमा भी अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने जा रहा है. इस संबंध में विपक्षी दलों के नेता 'न्यूनतम साझा कार्यक्रम' तय करने के लिए दिल्ली में एकजुट हो रहे हैं.

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महागठबंधन की वकालत करने वाले गैर एनडीए दलों के नेताओं की यह बैठक 27 फरवरी (बुधवार) को होने जा रही है. न्यूज एजेंसी भाषा ने लिखा है कि विपक्षी दल के नेता बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए चुनावी रणनीति पर भी विचार कर सकते हैं. साथ ही पुलवामा आतंकवादी हमले पर विपक्ष की रणनीति पर भी इस बैठक में चर्चा हो सकती है.

13 फरवरी को हुई थी बैठक

कांग्रेस सहित विपक्षी नेताओं की पिछली बैठक 13 फरवरी को हुई थी और इस बैठक में न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनने पर सहमति बनी थी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इससे पहले विपक्षी दलों के एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम का प्रस्ताव दिया था और बीजेपी को हराने के लिए राज्य स्तरीय गठबंधन पर जोर दिया था.

इस बैठक में राहुल गांधी के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला समेत अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया था. यह बैठक शरद पवार के आवास पर हुई थी. 

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अब जबकि बहुत जल्द चुनाव घोषणा की संभावना जताई जा रही है, ऐसे में मोदी सरकार को सत्ता से उखाड़ने का संकल्प लेने वाले दलों का महागठबंधन किस रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरेगा, इस पर भी सबकी नजर है. बीजेपी इस गठबंधन को महामिलावट बता रही है और यूपी में सपा-बसपा ने कांग्रेस को गठबंधन से आउट कर इसके स्वरूप पर भी चर्चा को नया मोड़ दे दिया है.

वहीं, दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बात बनती नहीं दिख रही है. जबकि बंगाल में कांग्रेस और वाम दलों के बीच संभावनाओं पर चर्चा है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी दलों के नेताओं की 27 फरवरी को होने वाले बैठक में बीजेपी से मुकाबले के लिए क्या अंतिम निर्णय लिया जाता है.

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