लोकसभा चुनाव 2019 के तहत गुजरात की जामनगर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने फिर अपना परचम लहराया है. भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) प्रत्याशी पूनमबेन 236804 वोटों के अंतर से अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी को शिकस्त देने में कामयाब रहीं. सामान्य वर्ग वाली इस सीट पर कुल 28 प्रत्याशी मैदान में थे. हालांकि मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही रहा.
2019 का जनादेश
भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) प्रत्याशी पूनमबेन माडम को 591588 वोट मिले, वहीं कांग्रेस उम्मीदवार मुलुभाई कंदोरिया को 354784 वोट मिले. --- 7799 वोटों के साथ नोटा का वोट प्रतिशत 0.77 रहा. बहुजन समाज पार्टी के सुनील वाघेला को 8795 वोट मिले. बता दें कि इस सीट पर तीसरे चरण के तहत 23 अप्रैल को मतदान हुआ था और मतदान का प्रतिशत 60.05 रहा है.
2014 का चुनाव
पिछले चुनाव में इस सीट पर 58.0% मतदान हुआ था जिसमें बीजेपी प्रत्याशी पूनम बेन माडम को 4,84,412 वोट (56.8%) और कांग्रेस प्रत्याशी अर्जन भाई माडम को 3,09,123 वोट (36.3%) मिले थे. 2014 से पहले इस सीट से दो चुनाव कांग्रेस ने जीते थे.
गुजरात में फिर क्लीन स्वीप कर सकती है बीजेपी, जानिए हर सीट का हाल
सामाजिक ताना-बानाजामनगर लोकसभा क्षेत्र के कई छोटी-बड़ी तेल रिफाइनरी है. साथ ही यहां के टूरिस्ट प्लेस भी आकर्षण का केंद्र रहते हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक, इस क्षेत्र की कुल आबादी 21,60,675 है. इसमें 55.06% शहरी और 44.94% ग्रामीण आबादी है. अनुसूचित जाति (SC) की जनसंख्या 8.03% और अनुसूचित जनजाति (ST) की आबादी 1.12% है. 2018 की वोटर लिस्ट के मुताबिक, यहां 1614320 कुल मतदाता हैं.
गुजरात: जामनगर में बीजेपी-कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला
सीट का इतिहास
जामनगर लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1962 में हुआ और इस चुनाव में कांग्रेस के मनुभाई शाह ने जीत दर्ज की. अगला चुनाव यानी 1967 में स्वतंत्र पार्टी ने कांग्रेस को शिकस्त दी, लेकिन 1971 में कांग्रेस ने कमबैक करते हुए जीत अपने नाम कर ली. आपातकाल के बाद हुए चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस को झटका लगा और भारतीय लोकदल के उम्मीदवार विनोदभाई सेठ ने बाजी मारी.
जामनगर लोकसभा सीट: बीजेपी को मात देकर वापसी पर कांग्रेस की नजर
1980 और 1984 का चुनाव कांग्रेस के नाम रहा, लेकिन 1989 में भारतीय जनता ने यहां अपनी एंट्री दर्ज कराई. 1989 से लेकर 1991, 1996, 1998 और 1999 के आम चुनाव में बीजेपी ने लगातार यह सीट अपने नाम की. 2004 में एनडीए के शाइनिंग इंडिया नारे को जब झटका लगा तो जामनगर की सीट भी बीजेपी के हाथ से खिसक गई और कांग्रेस के अर्जन भाई माडम ने चुनाव जीता. 2009 में भी उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर बाजी मारी. इसके बाद 2014 में मोदी लहर के सामने वह हैट्रिक नहीं लगा सके, और बीजेपी के टिकट पर महिला उम्मीदवार पूनम बेन माडम ने अर्जन भाई को शिकस्त दी.
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राहुल झारिया