हरियाणा विधानसभा चुनाव में अंबाला कैंट विधानसभा सीट पर इस बार पहले के मुकाबले माहौल अलग है. यहां से अनिल विज चुनाव लड़ रहे हैं. जी हां, बीजेपी के वो ही नेता जिन्होंने अपने अपमान होने की बात कही थी. यह सब तब हुआ जब राज्य में सत्ता में बदलाव हो रहे थे. वह अपनी विधानसभा सीट पर दम-खम से लगे हैं. उनके समर्थक नारे लगाते हुए कह रहे हैं, "नारे को ना नाम को, वोट पड़ेगी काम को."
अनिल विज 71 साल के हैं और छह बार के विधायक हैं और सातवीं बार चुनावी मैदान में हैं. उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस की बगावती उम्मीदवार चित्रा सरवारा और कांग्रेस के परविंदर पाल परे से है. उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, "हमारा नारा है 'काम किया है, काम करेंगे.' उनका कहना है कि यह चुनाव काम की राजनीति और बातों की राजनीति के बीच है."
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अनिल विज ने गिनाए विकास कार्य
चुनावी प्रचार में अनिल विज ने कई विकास परियोजनाओं का जिक्र किया, जिनमें 1857 की स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को समर्पित एक भव्य स्मारक शामिल है. उन्होंने कहा, "अंबाला में कई बड़े विकास कार्य हुए हैं. इस क्षेत्र को नहर का पानी मिला, नई अनाज मंडी स्थापित हुई, और एक विज्ञान केंद्र बन रहा है."
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कांग्रेस की बागी लड़ रही अनिल के खिलाफ चुनाव
वहीं, चित्रा सरवारा, कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विकास कार्य सतही हैं. उन्होंने कहा, "यहां की सड़कों, सीवेज, और अन्य बुनियादी ढांचे में कई खामियां हैं. उद्योग की स्थिति भी दयनीय है." अनिल विज ने अपने 'गब्बर' उपनाम को लेकर भी शब्दप्रहार किए. चित्रा ने लोगों से कहने का अंदाज दिखाते हुए कहा, "चित्रा को वोट दो, नहीं तो 'गब्बर' आ जाएगा."
90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होगा और वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को की जाएगी.
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