अब देश के मुख्यमंत्रियों और अन्य वीआईपी की सुरक्षा में बदलाव होने जा रहा है. दरअसल केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित देश के चुनिंदा विशिष्ट लोगों (वीआईपी) को शीर्ष सुरक्षा घेरा प्रदान करने वाले नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) ने एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) की तर्ज पर अपने प्रोटोकोल और सुरक्षा कवच को बेहतर बनाया है. जानते हैं अब सुरक्षा में क्या बदलाव होगा और कैसे होगी सुरक्षा...
भाषा के अनुसार, अब 'क्लोज प्रोटेक्शन फोर्स' (सीपीएफ) प्रोटोकोल अपनाया है, जो पूरी तरह से इसके अभ्यास को एक नया आयाम देगा. इससे ब्लैक कैट कमांडों के जेड प्लस (Z+) सुरक्षा घेरे से वीआईपी को और भी बेहतर तरीके से सुरक्षित किया जा सकता है.
बताया जा रहा है कि इस बदलाव से एनएसजी कमांडो अब वीआईपी सुरक्षा घेरे वालों को हर उस समय नजदीकी सुरक्षा घेरा मुहैया कराएंगे जब वह सार्वजनिक स्थल पर होंगे. पहले मोबाइल सुरक्षा अवधारणा थी जिसमें कमांडो चलने-फिरने के दौरान ही वीआईपी को सुरक्षा प्रदान करते थे.
साथ ही इसी तरह एसपीजी वीआईपी की परछाई की तरह ही सार्वजनिक स्थल के बाहर और भीतर सुरक्षा प्रदान करती है. वीआईपी सुरक्षा के 'ब्लैक बुक' में बदलाव विशिष्ट लोगों को पेश आ रहे खतरों को ध्यान में रखकर किए गए हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री से लेकर नक्सल और उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी एनएसजी सुरक्षा प्रदान की जाती है.
वीआईपी सुरक्षा कमांडो के पास अब आधुनिक और हाथ से पकड़ने वाला बैलिस्टिक शील्ड, सुरक्षित काले चश्मे और डिजिटल कम्युनिकेशन डिवाइस होंगे.
एनएसजी ने पहली बार गृह मंत्री के लिए एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) शुरू की है. इसके तहत गृह मंत्री के किसी स्थान पर पहुंचने से पहले ही उसकी अच्छी तरह जांच होगी. जरूरत के आधार पर अन्य को भी यह सुरक्षा कवर मिलेगा.