राजस्थान के बीकानेर में रेतीले तूफान का गुबार देखने को मिला और अब आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही उत्तर भारत के कई इलाकों में रेतीला तूफान आ सकता है. भारत-पाक सीमा पर मौसम के अचानक बदलने के बाद अलर्ट भी जारी कर दिया गया है. जैसलमेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, चुरू समेत उत्तरी राजस्थान में आंधी तूफान का अलर्ट जारी किया गया है. आइए जानते हैं आखिर रेतीला तूफान होता है क्या है और इससे जुड़ी कई बातें...
क्या होता है रेतीला तूफान?
रेतीला तूफान रेगिस्तानी क्षेत्रों में आने वाले तेज तूफान को कहा जाता है, जिसमें तेज हवा जमीन से रेत की शीर्ष परत को उठा लेती है औक इसे हर कल्पनीय दिशा में धकेल देती है. साथ ही इसमें एक रेत का गुबार तेज गति से हवा में घूमता है. यह सामान्य तूफान की तरह होता है, लेकिन इसमें मिट्टी की मात्रा अधिक होता है और वातावरण में नमी नहीं होती है.
कितना ऊंचा हो सकता है तूफान?- दरअसल इस तूफान की ऊंचाई हवा की स्पीड पर निर्भर करती है. इस तूफान में की हाइट सैकड़ों फीट तक हो सकती है और कई बार यह हजार फीट तक भी पहुंच जाता है. इसमें इतनी ऊंचाई तक रेत का गुबार दिखाई देता है.
कितनी होती है गति- खास बात ये है कि इसकी स्पीड 25 माइल्स प्रति घंटा होती है. जब रेतीला तूफान आता है तो आप पहले से अंदाजा नहीं लगा सकते और यह कुछ ही समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रेवल कर लेता है.
कहां आने की है संभावना- रेतीले तूफान रेतीले क्षेत्रों में ज्यादा आते हैं. साथ ही रेगिस्तान में रेतीले तूफान आम है.
रेतीले तूफान आने परबीच सड़क पर पानी का छिड़काव किया जाता है जिससे कि लोगों को कुछ हद तक राहत दी जा सके.
कैसे है खतरनाक- आम तौर पर तूफान में हवा की गति की वजह से नुकसान होता है. तेज हवाओं से जान-माल का नुकसान होता है, लेकिन रेतीले तूफान में हवा के साथ मिट्टी भी आती है जो आपकी हेल्थ के लिए भी काफी खतरनाक है. साथ ही मिट्टी की वजह से विजिबिलिटी पर काफी असर होता है और ट्रेन, हवाई और सड़क यात्रा प्रभावित होती है.