जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती की गिरफ्तारी पर उनकी बेटी इल्तिजा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा "सरकार मां और बेटी को दूर कर रही. मेरी मां आतंकी नहीं, वह पूर्व सीएम रह चुकीं हैं."
कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था 'मां को जानवरों की तरह क्यों बंद कर दिया गया'?
ऐसे में धारा 370 हटने और महबूबा मुफ्ती की गिरफ्तारी के बाद उनकी बेटी लगातार चर्चा में बनीं हुई हैं. आइए जानते हैं उनकी बेटियों के बारे में, वह क्या काम करती हैं और क्या है उनकी एजुकेशन.
22 मई 1959 को मुफ्ती परिवार में जन्मीं महबूबा ने
कश्मीर यूनिवर्सिटी से कानून की तालीम ली. 1984 में
महबूबा ने जावेद इकबाल से शादी की. बाद में महबूबा दो
बेटियां हुईं, इल्तिजा जावेद और इर्तिका. इल्तिजा का घर
का नाम सना है.
आपको बता दें, दोनों बेटियों के जन्म के बाद महबूबा
का जावेद इकबाल से 1987 में तलाक हो गया था. जिसके
बाद दोनों बेटियों की परवरिश उन्होंने खुद ही की. इसके
बाद महबूबा पूरी तरह राजनीति के मैदान में उतर गईं.
महबूबा मुफ्ती ने एक मां के रूप में
अपनी भूमिका बखूबी निभाई. इल्तिजा लंदन में भारतीय हाई
कमिश्नर में सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर हैं. उन्होंने
इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर की डिग्री ली है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिलहाल वह अभी कश्मीर में रह रही हैं.
क्या करती है छोटी बेटी
महबूबा मुफ्ती की छोटी बेटी का नाम इर्तिका हैं. वह राइटर हैं.
वह अपने मामा तसादुक मुफ्ती के पास रहती हैं. उनके
मामा एक सिनेमेटोग्राफर हैं. वह उन्हीं के नक्शेकदम पर
चल रही हैं.
ऐसे आईं महबूबा मुफ्ती राजनीति में
महबूबा के भाई तसादुक मुफ्ती सिनेमेटोग्राफर हैं. वह
राजनीति में आना नहीं चाहते थे. ऐसे में महबूबा ने पिता
की सलाह पर उनकी सियासी विरासत को संभालने का
फैसला किया.
1996 में लड़ा था पहला चुनाव
1996 में पहली बार महबूबा मुफ्ती कांग्रेस के टिकट पर
अनंतनाग की बिजबिहाड़ा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ीं
और जीती थीं. इसके बाद महबूबा ने 1999 में श्रीनगर
संसदीय सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं. इसके बाद
2002 में महबूबा फिर से विधानसभा चुनाव जीतीं. 2004
में महबूबा मुफ्ती पहली बार लोकसभा चुनाव में उतरीं.
उन्होंने अपने जन्मस्थान दक्षिण कश्मीर की अनंतनाग
सीट से पहली बार चुनाव लड़ते हुए केंद्र की राजनीति में
दस्तक दी.
पिता ने ऐसे बनाई थी पार्टी
महबूबा मुफ्ती के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने क्रांग्रेस
पार्टी से अलग होकर 1999 में अपनी नई पार्टी
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) बना
ली थी. पिता की पार्टी में महबूबा मुफ्ती उपाध्यक्ष बनीं.
पिता की मौत के बाद बनीं थी जम्मू-कश्मीर की
मुख्यमंत्री
पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद का निधन होने के बाद 4
अप्रैल 2016 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
वह जम्मू-कश्मीर की 13वीं और पहली महिला मुख्यमंत्री हैं. इसी के साथ
ही वह देश की दूसरी मुस्लिम महिला मुख्यमंत्री भी थीं.