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नेहरू के खिलाफ लिखते थे फिरोज गांधी, इंदिरा के साथ ऐसी थी लवस्टोरी

aajtak.in/प्रियंका शर्मा
  • 12 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST
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स्वतंत्रता सेनानी और लोकसभा के प्रभावशाली सदस्य रहे फिरोज गांधी के लिए इंदिरा गांधी से शादी करना इतना आसान नहीं था. इंदिरा ने अपने पिता जवाहरलाल नेहरू की मर्जी के खिलाफ फिरोज गांधी से शादी की थी. दोनों की लवस्टोरी बहुत चर्चित रही. आज फिरोज गांधी की 107वीं जयंती है. उनका जन्म आज ही के रोज 12 सितंबर 1912 में हुआ था. आइए जानते हैं उनकी  लवस्टोरी के बारे में.


(फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी की शादी की तस्वीर)

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फिरोज गांधी और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की इकलौती बेटी, इंदिरा गांधी की प्रेम कहानी ने सभी बाधाओं का सामना किया था जो भारतीय समाज में हर प्रेमी जोड़ा करता है. उनकी प्रेम कहानी में पहली बाधा उनका धर्म था. फिरोज गांधी एक पारसी थे वहीं इंदिरा गांधी हिंदू पंडित थीं.


(फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी की शादी की तस्वीर)

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इंदिरा सिर्फ 16 साल की थीं और फिरोज 21 साल के थे, तब उनकी प्रेम कहानी शुरू हुई थी. फिरोज, इंदिरा की मां कमला नेहरू के करीब थे. 1930 में एक बार, कमला नेहरू अपने साथियों के साथ इविंग क्रिश्चियन कॉलेज के बाहर अंग्रेजों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं, उस समय वह सूरज की गर्मी से बेहोश हो गईं और फिरोज उनकी मदद करने के लिए चले गए.

(फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी की शादी की तस्वीर)

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फिरोज उनकी देशभक्ति से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने कांग्रेस नेताओं के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी. उन्होंने कांग्रेस के आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेना शुरू कर दिया और उन्हें जेल भी जाना पड़ा. साल 1932-33 में वह नेहरू के साथ भी काम कर रहे थे.


(इंदिरा गांधी)

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इन वर्षों के दौरान, फिरोज ने एक बहुत ही विनम्र और खुबसूरत लड़की को देखा, जो इंदिरा गांधी थी. वह इंदिरा को देखते ही उन्हें पसंद करने लगे थे. समय बीतने के साथ, वे एक-दूसरे से प्यार करने लगे. उन्होंने पहली बार 1933 में इंदिरा के सामने प्रस्ताव रखा. लेकिन इंदिरा और उनकी मां ने इंदिरा की उम्र और उनके धर्म का हवाला देते हुए यह रिश्ता अस्वीकार कर दिया.

(इंदिरा गांधी)

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इसी बीच, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. धीरे- धीरे फिरोज की नजदियां नेहरू परिवार के साथ बढ़ती चली गईं. खासकर कमला नेहरू के साथ. जब वह बीमार थी और साल अप्रैल, 1935 में उनकी स्वास्थ्य की स्थिति खराब हो गई थी. इस दौरान फिरोज ही थे जिन्होंने उनकी बहुत देखभाल की थी. कमला नेहरू का हालचाल जानने के लिए फिरोज अक्सर उनके घर जाते थे. वहीं 28 फरवरी, 1936 को जब इंग्लैंड में इलाज के दौरान कमला नेहरू का निधन हो गया था. यही समय था जब फिरोज और इंदिरा की नजदीकियां बढ़ीं.


(इंदिरा गांधी)

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फिरोज और इंदिरा गांधी, दोनों एक- दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करने लगे थे. उधर जवाहरलाल नेहरू जो भारत में सबसे बड़े नेता के रूप में उभर रहे थे. जब नेहरू को मालूम चला कि इंदिरा, फिरोज से प्यार करती है और शादी भी करना चाहती हैं तो वह बेटी के प्यार से खुश नहीं थे.


(इंदिरा गांधी और पिता नेहरू)

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हालांकि, नेहरू के कड़े विरोध के बावजूद, इंदिरा ने फिरोज से शादी करने का फैसला किया. वहीं नेहरू ने दोनों की प्रेम कहानी को समाप्त करने के लिए अंतिम प्रयास करते हुए ये मामला महात्मा गांधी तक पहुंचाया.

(फिरोज गांधी)

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वहीं जैसा कहा जाता है दुनिया की कोई ताकत सच्चे प्यार करने वालों को नहीं रोक सकती, ऐसे ही कोई भी इंदिरा और फिरोज को शादी करने से नहीं रोक पाया. महात्मा गांधी के हस्तक्षेप के बाद दोनों की शादी इलाहाबाद में हुई. फिरोज को बापू ने अपना सरनेम भी दिया. 26 मार्च 1942 को हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी कर ली.


इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी ने मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाया. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अगस्त 1942 में इंदिरा और फिरोज साथ में जेल भी गए. हालांकि शादी के बाद दोनों के बीच काफी लड़ाइयां हुईं. जिसके बाद ही दोनों 5 सालों तक घरेलू जीवन साथ में जिया. उनके 2 बेटे हुए जिनका नाम राजीव गांधी और संजय गांधी रखा गया.

(इंदिरा गांधी, राजीव और संजय गांधी के साथ)

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भारत को आजादी मिलने के तुरंत बाद, नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने और फिरोज ने अलग राजनीतिक लाइन चुनी. अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, फिरोज ने नेहरू सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ लिखना शुरू किया. फिरोज ने नेहरू सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया और कई बड़े घोटालों को उजागर किया. नेहरू के खिलाफ उनके साहसिक दृष्टिकोण ने इंदिरा और फिरोज के बीच एक असहज क्षेत्र बनाया. जैसे ही नेहरू और फिरोज़ के बीच दरार बढ़ी, इंदिरा दिल्ली में अपने पिता के घर चली गईं.


1958 में, फिरोज को दिल का दौरा पड़ा और उस दौरान इंदिरा गांधी उनकी देखभाल के लिए लौट आईं. 8 सितंबर, 1960 को हार्ट अटैक से फिरोज गांधी का निधन हो गया था. उनकी मृत्यु के बाद, इंदिरा राजनीति में सक्रिय हो गईं और बाद में भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं.

(फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी)

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