तीन साल में 'डॉक्टर' बनाएगी बंगाल सरकार, लेना होगा ये डिप्लोमा, अभी से उठे सवाल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि इन डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति उन स्वास्थ्य केंद्रों पर की जाएगी जो मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में हैं. ऐसे में सवाल यह है कि क्या ग्रामीण इलाकों में मरीजों की जिंदगी को दांव पर लगाया जा सकता है?

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो (Getty) प्रतीकात्मक फोटो (Getty)

aajtak.in

  • कोलकाता ,
  • 12 मई 2023,
  • अपडेटेड 4:14 PM IST

Doctors Diploma Course: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को राज्य में मेडिसिन में तीन साल का डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की संभावनाएं तलाशने का निर्देश दिया, जो मौजूदा एमबीबीएस डिग्री कोर्स के समानांतर चलेगा. 

ममता बनर्जी ने मेडिसिन में डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने की संभावनाओं का मूल्यांकन करने के लिए स्वास्थ्य सचिव को इस संबंध में एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें जांच करनी होगी कि क्या इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की तर्ज पर मेडिसिन में तीन साल का डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जा सकता है. 

Advertisement

गांव के मरीजों की जिंदगी दांव पर लगाई जा सकती है 
इस योजना के अनुसार इन डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति उन स्वास्थ्य केंद्रों पर की जाएगी जो मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में हैं. ऐसे में सवाल यह है कि क्या ग्रामीण इलाकों में मरीजों की जिंदगी को दांव पर लगाया जा सकता है. 

पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार द्वारा संचालि अस्पतालों, विशेष रूप से जिला स्तर के सरकारी अस्पतालों में रोगी-डॉक्टर के कमतर अनुपात पर कई बार बात की जा चुकी है. इसे लेकर सरकार की आलोचना भी की जाती है. इस खाईं को पाटने के लिए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने की नई तरकीब सुझाई है. मुख्यमंत्री ने गुरुवार को नबन्ना विधानसभा भवन में प्रशासनिक बैठक के दौरान पत्रकार वार्ता में डॉक्टरों के लिए डिप्लोमा कोर्स का सुझाव दिया.

Advertisement

इंजीनियरिंग की तर्ज पर डिप्लोमा कोर्स!
ममता का विचार चिकित्सा में डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने का है, ठीक वैसे ही जैसे इंजीनियरिंग में डिप्लोमा पाठ्यक्रम होते हैं. उन्होंने कहा कि कई अस्पताल ऐसे हैं जहां डॉक्टर या नर्स नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह देखना है कि क्या इंजीनियरिंग की तर्ज पर डॉक्टरी के लिए भी डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो कई छात्र-छात्राओं को मेडिकल डिप्लोमा कोर्स करने का मौका मिलेगा.

बांग्ला में पढ़ें: Doctors Diploma Course: ডাক্তারিতে ডিপ্লোমা কোর্স, নার্স হবেন 'সেমি-ডাক্তার', ভাবনা মমতার

अचानक इस डिप्लोमा कोर्स का विचार क्यों आया? 
अब सवाल यह उठता है कि आख‍िर इस डिप्लोमा कोर्स का विचार क्यों आया. इसके पीछे ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा सेवाओं को पहुंचाना और डॉक्टर-मरीज के अनुपात को कम करना है. ममता बनर्जी ने नबन्ना की बैठक से कहा कि इससे एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद 'मूल डॉक्टर' बनने वालों के साथ समानांतर व्यवस्था बनाई जा सकती है. जैसे-जैसे अस्पताल बढ़ रहे हैं, बिस्तर बढ़ रहे हैं, मरीजों की संख्या बढ़ रही है, ममता को लगता है कि इस डिप्लोमा वाले डॉक्टरों को कम से कम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इस्तेमाल किया जा सकता है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच साल के लिए मूल डॉक्टरों को जो प्रशिक्षण मिल रहा है, उसमें बहुत समय लग रहा है. उन्हें पढ़ना चाहिए, उन्हें परीक्षा देनी चाहिए. लेकिन जैसे-जैसे अस्पताल बढ़ रहे हैं, आबादी बढ़ रही है, बिस्तर बढ़ रहे हैं. यदि समानांतर रूप से कम से कम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डिप्लोमा कोर्स लागू किया जा सकता है, तो यह सभी के लिए अच्छा होगा. हालांकि, डॉक्टरों के लिए यह डिप्लोमा कोर्स किस तरह का होगा, फिलहाल यह अभी स्पष्ट नहीं है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement